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ऑस्ट्रेलियाई को नहीं मिलेगी किराए की कोख

सरोगेट मां की तलाश में भारत आने की चाह रखने वाले ऑस्ट्रेलिया के नि:संतान दंपतियों को अब यहां का वीजा नहीं मिलेगा। सरोगेसी के पक्षधरों ने बताया कि हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई दंपति के सरोगेसी से जन्मे जुड़वां बच्चों को नहीं अपनाने की घटना पर सरोगेसी इंडस्ट्री से ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों

By anand rajEdited By: Published: Sat, 01 Nov 2014 08:30 AM (IST)Updated: Sat, 01 Nov 2014 08:39 AM (IST)
ऑस्ट्रेलियाई को नहीं मिलेगी किराए की कोख

कैनबरा। सरोगेट मां की तलाश में भारत आने की चाह रखने वाले ऑस्ट्रेलिया के नि:संतान दंपतियों को अब यहां का वीजा नहीं मिलेगा। सरोगेसी के पक्षधरों ने बताया कि हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई दंपति के सरोगेसी से जन्मे जुड़वां बच्चों को नहीं अपनाने की घटना पर सरोगेसी इंडस्ट्री से ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को अलग कर दिया है।

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सरोगेसी ऑस्ट्रेलिया नामक संस्था से सैम एवरिंघम ने बताया कि भारत ने उन सभी आवेदनों पर सख्त कदम उठाया है, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई दंपतियों ने सरोगेसी की चाह में भारत आने की बात कही थी। सैम ने कहा कि गर्भावस्था के दौर में जिन लोगों के सरोगेट भारत में मौजूद हैं, उन्हें वीजा मिलने में देरी हो रही है। फिलहाल हम ऐसे लोगों के लिए प्राथमिकता से वीजा का प्रबंध कराने की तैयारी में है। सरोगेसी पक्षधरों को एक बयान में सिडनी स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि हमें वीजा जारी करने से ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के सरोगेसी के जरिए पैदा होने वाले बच्चों की चिंता है। हाल ही में खुलासा हुआ था कि सरोगेसी के जरिए पैदा हुए जुड़वां बच्चों में से ऑस्ट्रेलियाई दंपति ने एक बच्चे को छोड़ दिया था। उनका कहना था कि वे आर्थिक स्थिति को देखते हुए एक बच्चे का ही पालन-पोषण कर सकते हैं। वहीं, भारतीय अधिकारियों ने ऑस्ट्रेलिया से कहा है कि सरोगेसी से पैदा हुए बच्चों को वे अपने ही देश की नागरिकता देना सुनिश्चित करें। दूतावास का कहना है कि इन दिशा-निर्देशों के पूरे होने की स्थिति में वीसा जारी किए जाएंगे।

गौरतलब है कि हर साल ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के 350 बच्चे सरोगेसी के जरिए ही पैदा होते हैं। इनमें से 70 फीसद बच्चों का जन्म भारत में होता है।

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