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एक पत्र पहुंचने में इतना समय लगेगा, अाप अनुमान भी नहीं लगा सकते

साल 1966 में भेजा गया पोस्टकार्ड एडिलेड में एक जोड़े टीम और क्लेयर डफी के पते पर पिछले सोमवार को पहुंचा। इस पर 13 फ्रैंक का डाक टिकट लगा था।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 23 Oct 2016 06:06 PM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 06:11 PM (IST)
एक पत्र पहुंचने में इतना समय लगेगा, अाप अनुमान भी नहीं लगा सकते

मेलबर्न, प्रेट्र। चिट्ठी को गंतव्य तक पहुंचाने में सिर्फ भारत में लेटलतीफी नहीं होती। ऐसी लापरवाही दूसरे देशों में भी होती है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में तो हद हो गई। यहां एक पोस्टकार्ड को भेजे गए पते पर पहुंचने में आधी सदी का वक्त लग गया। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया की डाक सेवा को माफी तक मांगनी पड़ी है।

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साल 1966 में भेजा गया पोस्टकार्ड एडिलेड में एक जोड़े टीम और क्लेयर डफी के पते पर पिछले सोमवार को पहुंचा। इस पर 13 फ्रैंक का डाक टिकट लगा था। टीम डफी जब लेटरबॉक्स से पानी का बिल निकाल रहे थे तब यह पोस्टकार्ड उसके नीचे दबा मिला। इसे क्रिस नाम के किसी व्यक्ति ने फेंच पॉलीनेशिया द्वीप से 1966 में भेजा था। उन्होंने यह पोस्टकार्ड उस समय एडीलेड में रहने वाले राबर्ट जार्जियो को लिखा था।

इसमें क्रिस ने लिखा था कि वह द्वीप के उमस भरे मौसम के बावजूद बहुत मजा कर रहे हैं। टीम और क्लेयर ने यह घर 2015 में खरीदा था। उनको यकीन है कि 1963 में यह मकान बनवाने वाले राबर्ट को यह पोस्टकार्ड लिखा गया था।

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