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थाड की तैनाती पर अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच होगी बातचीत

उत्तर कोरिया के रॉकेट प्रक्षेपण के बाद एशिया में मिसाइल रोधी प्रणाली तैनात करने की होड़ शुरू हो सकती है। यह अंदेशा अमेरिकी अधिकारियों और विशेषज्ञों ने जताया है।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 05:28 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 06:08 PM (IST)
थाड की तैनाती पर अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच होगी बातचीत

वाशिंगटन। उत्तर कोरिया के रॉकेट प्रक्षेपण के बाद एशिया में मिसाइल रोधी प्रणाली तैनात करने की होड़ शुरू हो सकती है। यह अंदेशा अमेरिकी अधिकारियों और विशेषज्ञों ने जताया है।

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टर्मिनल हाई एल्टीट्यूट एरिया डिफेंस (थाड) की तैनाती को लेकर अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच औपचारिक बातचीत जल्द शुरू होने वाली है। वहीं, जापान भी इसकी तैनाती पर विचार कर रहा है। चीन ने इस पर नाराजगी जताई है।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बताया कि बीजिंग ने इस संबंध में अपनी आपत्तियों से अमेरिका और दक्षिण कोरिया को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने का मतलब दूसरे देश की रक्षा हितों को नुकसान पहुंचाना नहीं होता।

हालांकि दोनों देशों ने कहा है कि यदि थाड तैनात किया जाता है तो उसका लक्ष्य केवल उत्तर कोरिया ही होगा। पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस पर संदेह जताया है। अखबार ने कहा है कि सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि थाड की एक बार तैनाती होने के बाद चीनी मिसाइल भी इसकी जद में आ जाएंगे। इससे चीन की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

पढ़े :नॉर्थ कोरिया ने किया रॉकेट का प्रक्षेपण, UN ने कहा उकसाने वाली कार्रवाई

विशेषज्ञों का मानना है कि थाड की तैनाती से चीन का अमेरिका के साथ मतभेद गहरा सकता है। वहीं, दक्षिण कोरिया से भी उसके संबंध बिगड़ सकते हैं। दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार चीन है। यही कारण है कि अब तक वह इस तरह के कदम उठाने से बचता रहा है। पर रविवार को उत्तर कोरिया के प्रक्षेपण के तुरंत बाद दक्षिण कोरिया ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर थाड को लेकर प्रतिक्रिया दी थी। थाड दुनिया की सबसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणालियों में से एक है।

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय चेतावनी को दरकिनार करते हुए उत्तर कोरिया ने रविवार को लंबी दूरी के क्वांगयोंगसांग-4 उपग्रह को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने का दवा किया था। हाइड्रोजन बम परीक्षण के एक महीने बाद उसने यह प्रक्षेपण किया। पर दक्षिण कोरिया, अमेरिका समेत कई देश इसे रॉकेट की आड़ में मिसाइल परीक्षण मान रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक आपात बैठक में प्रक्षेपण की निंदा करते हुए उत्तर कोरिया को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

दक्षिण कोरियाई नौसेना ने दागीं गोलियां

दक्षिण कोरिया की नौसेना ने विवादित समुद्री सीमा में घुसी उत्तर कोरिया की एक गश्ती नौका को चेतावनी देने के लिए सोमवार को गोलियां दागीं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि नौका ने पीला सागर सीमा को पार किया था। दोनों कोरियाई देशों के बीच की वास्तविक समुद्री सीमा रेखा- नॉदर्न लिमिट लाइन को प्योंगयांग मान्यता नहीं देता। उसका कहना है कि इस सीमा रेखा को अमेरिकी नेतृत्व वाले संयुक्त राष्ट्र के बलों ने 1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद एकपक्षीय तरीके से खींच दिया था।


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