पाकिस्तान में अहमदी समुदाय की प्रोफेसर की हत्या
61 वर्षीय मलिक पंजाब यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलाजी और मोलेक्यूल जेनेटिक्स की प्रोफेसर थीं।
लाहौर, प्रेट। पाकिस्तान में फिर अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय को निशाना बनाया गया है। इस समुदाय से आने वाली प्रोफेसर ताहिरा परवीन मलिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई। तीन सप्ताह में इस समुदाय के तीसरे व्यक्ति की हत्या की गई।
61 वर्षीय मलिक पंजाब यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलाजी और मोलेक्यूल जेनेटिक्स की प्रोफेसर थीं। वह कैंपस में ही अकेले रहती थीं। यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता खुर्रम शहजाद ने बताया कि कराची में रह रही उनकी बेटी ने खबर दी थी कि उनकी मां सोमवार रात से फोन नहीं उठा रही हैं। इस पर पुलिस और विश्वविद्यालय के अधिकारी जब मंगलवार सुबह प्रोफेसर मलिक के घर पहुंचे, तो वह मृत पाई गईं।
जब पुलिस दरवाजा तोड़कर घर में घुसी, तो वह खून से लथपथ पड़ी मिलीं। उन पर चाकू से कई वार किए गए थे। उनके घर में लूटपाट होने का कोई सुबूत नहीं मिला है। जमात अहमदिया पाकिस्तान के प्रवक्ता सलीमुद्दीन के अनुसार ऐसा लगता है कि मलिक की हत्या उनके अहमदिया समुदाय से ताल्लुक रखने के कारण हुई है। उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैदर अशरफ ने कहा कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है।
इस महीने के शुरू में अहमदी समुदाय के 68 वर्षीय डॉक्टर अशफाक अहमद की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं मार्च के आखिर में समुदाय के डॉक्टर मलिक सलीम लतीफ की भी इसी तरह हत्या की गई थी। इसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-झांगवी ने ली थी। सलीम पाकिस्तानी नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक अब्दुस सलाम के चचेरे भाई थे।
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