तालिबान के लिए सेफ जोन बनाने की योजना बना रहा अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में 15 वर्षों से जारी उपद्रव पर काबू पाने के लिए शांति के प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं।
काबुल, जेएनएन। अफगान अधिकारी तालिबान के लिए सेफ जोन बनाने पर जोर दे रहे हैं। यह कदम पाकिस्तान के भीतर परंपरागत सुरक्षित ठिकानों से तालिबान आतंकियों को बाहर निकालने के लिए उठाया जा सकता है।
संघर्ष समाप्त करने के लिए अपनाई जा रही रणनीति के तहत यह उपाय आजमाया जा सकता है। अफगानिस्तान में 15 वर्षों से जारी उपद्रव पर काबू पाने के लिए शांति के प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं।लगातार लड़ाई में अमेरिका समर्थित बलों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में लीक से हटकर समाधान की यह योजना साहसिक मानी जा रही है।
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तालिबान पर पाकिस्तान के प्रभाव को कम करने के मकसद से रणनीति यदि लागू होती है तो उसका अच्छा या बुरा परिणाम सामने आ सकता है। उपद्रव से आहत देश में आतंकियों को क्षेत्र देने को विभाजन की नींव के रूप में देखा जा सकता है। कंधार के पुलिस प्रमुख अब्दुल राजिक ने पिछले महीने धार्मिक विद्वानों और कबायली प्रमुखों की सभा को संबोधित किया था।
उन्होंने कहा था, "मैं तालिबान से अफगानिस्तान लौट आने की अपील करता हूं। हमें उनके और उनके परिवारों के लिए सुरक्षित क्षेत्र तैयार करना चाहिए।
युद्ध समाप्त करने के लिए हम विदेशी सरकारों और दूतावासों पर ज्यादा समय तक निर्भर नहीं रह सकते। तालिबान इस देश के हैं और वे लोग इसी जमीन के बेटे हैं।" राजिक को दक्षिण अफगानिस्तान में सबसे शक्तिशाली कमांडर माना जाता है। वे तालिबान विरोधी रहे हैं।
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