ईरानी महिलाओं के चेहरों पर फेंका जा रहा तेजाब
इन दिनों ईरानी जनता एक अनोखे हमले से डरी हुई है। वहां इस्लामी कानूनों का ढंग से पालन न करने वाली महिलाओं पर तेजाब से हमले हो रहे हैं। मध्य ईरान के इसफहान की व्यस्त सड़कों पर हाल ही में चार ऐसे हमले हो चुके हैं। यह हमले ऐसे समय
बेरुत। इन दिनों ईरानी जनता एक अनोखे हमले से डरी हुई है। वहां इस्लामी कानूनों का ढंग से पालन न करने वाली महिलाओं पर तेजाब से हमले हो रहे हैं। मध्य ईरान के इसफहान की व्यस्त सड़कों पर हाल ही में चार ऐसे हमले हो चुके हैं। यह हमले ऐसे समय में शुरू हुए, जब संसद नैतिकता कानून ला रही है।
तेजाब हमलों की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है। मगर इनके लिए कट्टरपंथी जिम्मेदार बताए जा रहे हैं। ऐसे संगठन महिलाओं के दिलों में खौफ पैदा करने के लिए इन भयानक हमलों को अंजाम दे रहे हैं। ईरान में तेजाब हमले लगभग न के बराबर हुए हैं। यहां तक कि इन हमलों की कट्टरपंथी मौलानाओं ने भी निंदा की है। मगर जिस देश में अंसार-ए-हिजबुल्ला जैसे इस्लामी मिलीशिया बिना किसी रोक टोक के कट्टर कानूनों को लागू करवाती हो, वहां इनका शक कट्टरपंथियों पर जाना तय है। मगर हिजबुल्ला ने इन हमलों से साफ इन्कार किया है।
पुलिस ने कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। मगर किसी पर आरोप तय नहीं किए। तेजाब हमलों का विरोध करने के लिए इसफहान और तेहरान में हजारों लोग सड़कों पर भी उतरे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसफहान में कई महिलाओं को संदेश आए हैं कि यदि उन्होंने हिजाब का इस्तेमाल नहीं किया तो उन पर तेजाब हमले किए जाएंगे।
नैतिकता कानून पर सुधारवादी राष्ट्रपति हसन रूहानी और कट्टरपंथियों में टकराव हुआ है। रूहानी ने इस कानून में सुधार की अपील की है। मगर कट्टरपंथी इसे मानने को तैयार नहीं। उदारवादियों का कहना है कि नया कानून अंसार जैसे संगठनों को कानूनी ताकत दे देगा।