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इस एक हादसे ने नासा के दामन पर लगा दिया था बदनुमा दाग

चैलेंजर हादसे हादसे को तीस वर्ष पूरे हो चुके हैं लेकिन इसकी यादें कईयों के दिलों दिमाग पर अब भी ताजा हैं। इस हादसे में सात अंतरिक्ष यात्री मारे गए थे जिसमें एक टीचर भी शामिल थीं। इस हादसे के बाद नासा की सोच में परिवर्तन आया और सुरक्षा कोे

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 31 Jan 2016 08:28 AM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2016 10:00 AM (IST)
इस एक हादसे ने नासा के दामन पर लगा दिया था बदनुमा दाग

नई दिल्ली। स्पेस शटल चैलेंजर हादसे को तीस वर्ष हो गए हैं। यह एक ऐसा हादसा था जिसने नासा की सोच को पूरी तरह से बदल कर रख दिया था। नासा के इतिहास में यह एक दाग था जो पहली बार उसके दामन पर लगा था। 28 जनवरी 1986 को चैलेंजर अपनी उड़ान के महज 76 सैकेंड के बाद ही आग के गोले में तबदील हो गया था। इस हादसे में सभी सात अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई थी।

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इस हादसे की वजह इसके बूस्टर का फेल हो जाना बताया गया। जांच में पता चला कि यान में लगे सॉलिड ईंधन रॉकेट की "ओ रिंग" सील के काम नहीं कर पाने के कारण विस्फोट हुआ। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि चैलेंजर की उड़ान के कुछ सैकेंड बाद और हादसे से कुछ ही सैकेंड पहले बूस्टर के पास से आग निकलती दिखाई दी थी।

इस हादसे में मरने वालों में शटल के कमांडर फ्रांसिस आर स्कोबी, पायलट माइकल स्मिथ, मिशन स्पेशलिस्ट रोनाल्ड मैकनायर, मिशन स्पेशलिस्ट एलिसन ओनिजुका, मिशन स्पेशलिस्ट जूडिथ रेसनिक, पेलोड स्पेशलिस्ट जियोर्ज जर्विस और पेलोड स्पेशलिस्ट क्रिस्टा मैकऔल्फी शामिल थे।

इस हादसे के बाद अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनॉल्ड रीगन ने एक विशेष आयोग का गठन किया। अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा था कि यह दिन कभी कोई नहीं भूल सकेगा। अमेरिकी समय के मुताबिक सुबह 11.38 मिनट पर चैलेंजर ने फ्लोरिडा के केप कैनेवेरल से उड़ान भरी थी। इस हादसे से करीब 3 लाख 28 हजार करोड़ रुपये( 5.5 बिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ।

इस शटल यान में छह अंतरिक्ष यात्रियों के अलावा क्रिस्ट मैकऑलिफ भी सवार थीं। मैकऑलिफ पेशे से टीचर थीं।मैकऑलिफ ने एक प्रतियोगिता जीतकर दूसरे अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरिक्ष में जाने का मौका मिला था। इस हादसे को कई लोगों ने अपनी आंखों से तो कईयों ने अपने टीवी सेट पर लाइव प्रसारण के दौरान देखा था।चैलेंजर हादसे के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बहस छिड़ गई।

हादसे के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए काफी कदम उठाए गए लेकिन चैलेंजर हादसे के 17 साल बाद 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया अंतरिक्ष शटल फिर ऐसे ही हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे में भारतीय भारतीय मूल की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का भी निधन हो गया था।

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