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अफगानी संसद पर तालिबानी हमला, 7 आतंकी समेत 9 मरे

एक आत्मघाती समेत सात तालिबानी आतंकियों ने सोमवार को अफगानिस्तान की संसद के अंदर और बाहर कुल नौ बम धमाके किए। गोलीबारी और बम विस्फोटों के बीच सांसदों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। एक भी सांसद हताहत नहीं हुआ। हालांकि दहशत का यह माहौल टेलीविजन पर लाइव

By Sudhir JhaEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2015 11:45 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2015 01:25 AM (IST)
अफगानी संसद पर तालिबानी हमला, 7 आतंकी समेत 9 मरे

काबुल। एक आत्मघाती समेत सात तालिबानी आतंकियों ने सोमवार को अफगानिस्तान की संसद के अंदर और बाहर कुल नौ बम धमाके किए। गोलीबारी और बम विस्फोटों के बीच सांसदों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। एक भी सांसद हताहत नहीं हुआ। हालांकि दहशत का यह माहौल टेलीविजन पर लाइव प्रसारित हुआ। सुरक्षा कारणों से काबुल में भारतीय दूतावास को भी अलर्ट किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए इसे कायराना बताया है।

सात आतंकी समेत नौ लोग मरे :
तालिबानी आतंकियों ने सोमवार को काबुल में अफगानिस्तान की संसद पर यह हमला उस समय किया जब राष्ट्रपति की ओर से नामित नए रक्षा मंत्री मासूम स्तानीजई पर विश्वास मत के लिए संसद में चर्चा हो रही थी। तालिबानी हमले में स्थानीय सुरक्षा बलों के बीच दो घंटे गोलीबारी हुई। अंतत: विस्फोटकों से लदी कार के साथ एक आत्मघाती समेत सभी सातों तालिबानी आतंकियों को मारने में सफलता मिली। अफगान सुरक्षा बलों ने नाटो सेनाओं के बिना पहली बार तालिबानी आतंकियों को धूल चटाने में कामयाबी हासिल की। हालांकि मुठभेड़ में एक महिला और एक बच्चे की भी मौत हो गई। एक बच्चे और पांच महिलाओं समेत 31 लोग घायल हुए हैं।

दहलाने वाला था संसद का नजारा :
काबुल पुलिस के प्रवक्ता इबादुल्लाह कारिमी ने बताया कि संसद भवन की मुख्य सड़क पर पहले तो विस्फोटकों से लदी कार में विस्फोट किया गया। उसके बाद सात सशस्त्र आतंकी संसद के सामने की निर्माणाधीन इमारत में घुस गए। वहीं से वह फायरिंग करते रहे। हमले का नाटकीय टीवी फुटेज प्रसारित हुआ। इसमें संसद के अंदर पहले धमाके के बाद मलबा, धूल और चीख-पुकार मचते दिखाया गया। संसद के सभापति अब्दुल राउफ इब्राहिमी बुरी तरह डरे सांसदों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहते हैं, यह बिजली का मामला है। उसके बाद सांसद मोहम्मद रेजा खोशाक को कई धीमे धमाकों के बाद एक बड़ा धमाका होने की जानकारी देते दिखाया गया। कुछ सेकेंड में संसद का हाल धुएं और धूल से भर गया। सांसद इमारत से भागने लगे।

सुरक्षा गार्ड ईसा खान बना हीरो :
बगल की इमारत में घुसे छह आतंकी भीषण गोलाबारी करने के बावजूद संसद भवन के अंदर घुस नहीं पाए क्योंकि संसद परिसर में तैनात सैनिक 28 वर्षीय ईसा खान बराबर उनकी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देता रहा। उस अकेले ने जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकियों को मौत गिराया। उसकी इस बहादुरी का चर्चा अफगानिस्तान में हर तरफ है। गौरतलब है कि भारत नई अफगानिस्तानी संसद की नई इमारत बनवा रहा है। इसका लोकार्पण इसी साल दिसंबर में होने की संभावना है।

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इन संसदों पर हो चुके हैं हमले :-
भारत : 13 दिसंबर 2001
-पांच आतंकी समेत 14 की मौत
-लश्कर-ए-तोइबा, जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी जिम्मेदारी
-गोलीबारी के दौरान संसद में 100 लोग मौजूद थे

कनाडा : 22 अक्टूबर 2014

-कनाडाई नागरिक ने किया था हमला
-2 की मौत
-पुलिस अधिकारियों ने हमलावर पर 31 बार गोली चलाई थी

दाश-ए-आर्क पर किया कब्जा :

अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से पूरी तरह से रवाना होने से पहले यहां तालिबान की ताकत और बढ़ गई है। अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांत कुंडूज में सोमवार को ही तालिबानी आतंकियों ने हमले तेज करके बढ़त ले ली। आतंकियों ने दाश-ए-आर्क जिले को चारों ओर से घेरकर कब्जे में ले लिया। प्रांत के गर्वनर नसीरुद्दीन सैदी ने कहा कि वहां फंसे करीब डेढ़ लाख निवासी अब शहर को छोड़ पाने में असमर्थ हैं। आतंकियों ने एक दिन पहले ही कुंडूज प्रांत की राजधानी पर कब्जा जमाने की कोशिश की थी।

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