सोनिया की अमेरिका यात्रा पर सिखों का विरोध
अमेरिका में सक्रिय सिख संगठन ने विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को पत्र लिखकर देश में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी पर एतराज व्यक्त किया है। वह मेडिकल चेकअप के लिए यहां आई हुई हैं। पिछले साल अगस्त में यहां उनकी कैंसर की सर्जरी हुई थी।
न्यूयॉर्क। अमेरिका में सक्रिय सिख संगठन ने विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को पत्र लिखकर देश में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी पर एतराज व्यक्त किया है। वह मेडिकल चेकअप के लिए यहां आई हुई हैं। पिछले साल अगस्त में यहां उनकी कैंसर की सर्जरी हुई थी।
'सिख फॉर जस्टिस' [एसएफजे] नामक संगठन का आरोप है कि सोनिया कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर 1984 के सिख दंगों पर पर्दा डालने और अपनी पार्टी के नेताओं को बचाने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं, इसलिए उनका प्रवेश अस्वीकार्य है।
हिलेरी को लिखे पत्र में विभिन्न धाराओं का हवाला देते हुए संगठन ने अमेरिका में उनकी मौजूदगी को गलत और अपराध ठहराया है। इसमें कहा गया है कि सोनिया गाधी के अमेरिका में प्रवेश और उनकी मौजूदगी से इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट और अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्रता अधिनियम 1998 का उल्लंघन हुआ है।
एसएफजे के प्रमुख कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नून का मानना है कि यातना और गैर कानूनी तौर पर हत्याओं में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को यहां नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोनिया अपने भ्रष्टाचारी नेताओं का सदैव बचाव करती आई हैं।
एसएफजेने कांग्रेस पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत का बदला लेने के लिए दंगे भड़काने का भी आरोप लगाया है। इन बातों का हवाला देते हुए संगठन ने अमेरिका में उनकी मौजूदगी को गैरकानूनी बताया है। गौरतलब है किअमेरिका की एक अदालत में सिख विरोधी दंगों में काग्रेस की कथित भूमिका को लेकर दायर याचिका पर 15 मार्च को सुनवाई होगी।
याचिका में काग्रेस पर आरोप लगाया गया है कि वह सिख विरोधी दंगों की साजिश रचने और उसे बढ़ावा देने के आरोपों से खुद को पाक साफ साबित करने में नाकाम रही। एसएफजे ने दो फरवरी को अदालत में यह याचिका दायर की थी।
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