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44 साल बाद पता चला आदमी नहीं औरत है

चीन में एक व्यक्ति डॉक्टर के पास पेट दर्द व पेशाब में खून आने की शिकायत लेकर इलाज के लिए पहुंचा। इलाज के दौरान डॉक्टरी जांच में 44 साल के चिन को डॉक्टरों ने बताया कि वह पुरुष नहीं बल्कि औरत है। शिंजयांग प्रांत में रहने वाले चिन विवाहित हैं। वह पिछले कुछ दिनों से पेट में दर्द की परेशानी से पीड़ित थे। वे अपनी

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 11:17 AM (IST)
44 साल बाद पता चला आदमी नहीं औरत है

शिंजियांग। चीन में एक व्यक्ति डॉक्टर के पास पेट दर्द व पेशाब में खून आने की शिकायत लेकर इलाज के लिए पहुंचा। इलाज के दौरान डॉक्टरी जांच में 44 साल के चिन को डॉक्टरों ने बताया कि वह पुरुष नहीं बल्कि औरत है। शिंजयांग प्रांत में रहने वाले चिन विवाहित हैं। वह पिछले कुछ दिनों से पेट में दर्द की परेशानी से पीड़ित थे। वे अपनी पत्नी के साथ युंगकॉन्ग के स्थानीय डॉक्टर के पास जांच के लिए पहुंचे। जिसके बाद खुलासा हुआ कि उनका शरीर एक औरत का है।

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पूरी जांच के बाद डॉक्टर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि चिन के शरीर में औरतों की तरह प्रजनन अंग हैं, लेकिन शरीर में पुरुष जननांग की वजह से चिन की 10 साल की वैवाहिक जीवन में सेक्स लाइफ अच्छी रही।

हालांकि, डॉक्टरों को इस बात पर यकीन नहीं हो पा रहा है। डॉक्टरों का मानना है कि चिन के जननांग दूसरे पुरुषों से भिन्न हैं, इसी वजह से चिन खुद को पूर्ण पुरुष नहीं कह सकते हैं।

अपनी पहचान से जुड़े नए सच को जानकर भौचक चिन काफी दिनों से खुद को स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे थे। काफी समय से उनके चेहरे व पैर में सूजन थी, जिसके कारण बहुत थकावट रहती थी। इसके बाद पेशाब में खून भी आने लगा।

सीटी स्कैन में पता चला कि चिन के शरीर में गर्भाशय और ओवरी हैं। चिन को जन्म से ही गुर्दे में वृद्धि (कॉन्जेन्टल अड्रीनल हाइपरलेसिया) की परेशानी है। इस आनुवांशिक बीमारी के कारण ही चिन के पुरुषोचित हॉर्मोन्स में वृद्धि होती रही। इस तरह के मेडिकल केस दुर्लभ माने जाते है।

डॉक्टरों के मुताबिक, निश्चित तौर पर चिन के इंटरसेक्स या उभयलिंगी (हर्मोफ्रेडाइट) होने के बारे में नहीं कह सकते हैं। हालांकि, यह सच है कि उनके शरीर में दोनों ही तरह के जननांग मौजूद हैं। डॉक्टरों का कहना है कि किसी भी मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए अब काफी देर हो चुकी है। ऐसे केस में ट्रीटमेंट कम उम्र में ही करने पर फायदा होता है।

साभार-नई दुनिया

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