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स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में भारतीयों ने इतिहास दोहराया

दुनिया की प्रतिष्ठित स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में दो भारतीय अमेरिकी छात्रों ने इतिहास दोहराया है। लगातार दूसरे साल इस प्रतियोगिता को भारतवंशियों ने जीता है। इसके संयुक्त विजेता वान्या शिवशंकर और गोकुल वेंकटचलम बने हैं। उन्होंने प्रतियोगिता में भारतीय समुदाय का दबदबा बनाए रखा है। पिछले साल भी भारतीय मूल

By Sudhir JhaEdited By: Published: Fri, 29 May 2015 05:06 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2015 05:23 PM (IST)
स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में भारतीयों ने इतिहास दोहराया

वाशिंगटन। दुनिया की प्रतिष्ठित स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में दो भारतीय अमेरिकी छात्रों ने इतिहास दोहराया है। लगातार दूसरे साल इस प्रतियोगिता को भारतवंशियों ने जीता है। इसके संयुक्त विजेता वान्या शिवशंकर और गोकुल वेंकटचलम बने हैं। उन्होंने प्रतियोगिता में भारतीय समुदाय का दबदबा बनाए रखा है। पिछले साल भी भारतीय मूल के दो छात्र संयुक्त रूप से विजयी हुए थे।

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शुक्रवार को वान्या (13) व गोकुल (14) को स्कि्रप्स नेशनल स्पेलिंग बी प्रतियोगिता का संयुक्त विजेता घोषित किया गया। उन्होंने एक साथ गोल्डेन ट्राफी उठाई। ट्राफी के साथ ही दोनों विजेताओं को 37-37 हजार डॉलर (करीब 23 लाख रुपये) नकद और उपहार दिए गए। प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर भी भारतीय अमेरिकी छात्र का कब्जा रहा। ओकलाहोमा के कोल शेफर-राय ने यह स्थान हासिल किया। उल्लेखनीय है कि इस साल फाइनल में पहुंचे कुल 49 प्रतियोगियों में 25 भारतीय अमेरिकी थे। इससे पहले की 18 प्रतियोगिताओं में 14 में भारतीय अमेरिकियों ने जीत हासिल की है और आठ सालों से वे लगातार इसे जीतते आ रहे है

पहली बार पूर्व चैंपियन की बहन जीती

इस साल पहली बार एक पूर्व विजेता काव्या की छोटी बहन वान्या जीती है। 2009 में काव्या ने यह चैंपियनशिप जीती थी। वान्या ने कहा, 'सपना सच हुआ। मैं लंबे समय से जीतना चाहती थी।' उन्होंने अपने पुरस्कार को अपनी दादी को समर्पित किया। उनकी दादी का निधन अक्टूबर में हुआ था। वान्या ने इस प्रतियोगिता में 5वीं बार हिस्सा लिया था।

लगातार दूसरे साल बने संयुक्त विजेता

इस प्रतियोगिता में लगातार दूसरे साल भारतवंशी संयुक्त विजेता बने। 2014 में श्रीराम हथवार और अंसुन सुजोए को संयुक्त विजेता घोषित किया गया था। इस प्रतियोगिता के 90 वर्षो के इतिहास में यह पांचवां मौका है जब संयुक्त विजेता घोषित किए गए हैं। इसके पहले 1962, 1957 और 1950 में यह रिकार्ड बन चुका है।

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