पाकिस्तान में दो दुर्दांत आतंकियों को फांसी पर लटकाया
पेशावर हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकियों को फांसी दिए जाने के सरकारी फरमान के बाद शुक्रवार को देर रात फैसलाबाद की जेल में दो खूंखार आतंकियों अकील उर्फ डॉ. उस्मान और अलकायदा आतंकी अरशद महमूद उर्फ मेहरबान को फांसी पर चढ़ा दिया गया।
इस्लामाबाद। पेशावर हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकियों को फांसी दिए जाने के सरकारी फरमान के बाद शुक्रवार को देर रात फैसलाबाद की जेल में दो खूंखार आतंकियों अकील उर्फ डॉ. उस्मान और अलकायदा आतंकी अरशद महमूद उर्फ मेहरबान को फांसी पर चढ़ा दिया गया।
पाकिस्तान के प्रमुख टीवी चैनलों जीयो और दुनिया टीवी के अनुसार फैसलाबाद की सेंट्रल जेल में स्थानीय समय के अनुसार रात 9.30 बजे दोनों को फांसी दी गई। रावलपिंडी के सेना मुख्यालय पर हमला करने का दोषी अकील उर्फ डॉ. उस्मान पाकिस्तानी सेना में चिकित्सक रह चुका है और दूसरा आतंकी अरशद महमूद पूर्व सैन्य जनरल परवेज मुशर्रफ की हत्या के प्रयास का दोषी है। पाक गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के आतंकियों को जल्द फांसी दिए जाने के फैसले के बाद कई आतंकियों को मौत की सजा का क्रम तीन से चार दिन में जारी रहेगा। बताया जाता है कि शनिवार को चार अन्य आतंकियों को लाहौर की कोटलखपत जेल में फांसी दी जाएगी।
सेना मुख्यालय और मुशर्रफ पर किया था हमला
अकील उर्फ डॉ. उस्मान 2009 में रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय पर आतंकी हमले का दोषी है। उसको रावलपिंडी सेना मुख्यालय पर हमले के दौरान ही घायलावस्था में गिरफ्तार किया गया था। हमले में 11 जवान मारे गए थे। देर रात फांसी के बाद उसका शव उसके भाई को सौंपा गया। वहीं, 2003 में मुशर्रफ की हत्या के प्रयास में अरशद महमूद को सजा सुनाई गई थी। इस हमले में मुशर्रफ तो बच गए लेकिन 15 अन्य लोग मारे गए थे। अलकायदा से जुड़ा ये आतंकी एक जमाने में उम्दा घुड़सवार था।
85 आतंकियों की फांसी तय
हालांकि शुक्रवार को पाकिस्तान सरकार ने अपने अफसरों को अन्य 22 आतंकियों को भी जल्द फांसी पर चढ़ाए जाने का फरमान जारी किया। अधिकारियों के अनुसार गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद इन 22 आतंकियों समेत कुछ ही दिनों में कुल 85 आतंकियों को फांसी दी जा सकेगी।
पहले चरण में 17 आतंकियों को फांसी
अधिकारियों के अनुसार गुरुवार की रात को अकील समेत छह लोगों की मौत के फरमान पर पाक सेना प्रमुख जनरल रहील शरीफ ने दस्तखत कर दिए हैं। पहले चरण में 17 आतंकियों को फांसी दी जानी है। वहीं दूसरे चरण में 45 अन्य खूंखार आतंकियों को फांसी पर चढ़ाया जाएगा।
मदरसों के मौलवी बोले फांसी देना सरकार का काम नहीं
पाकिस्तान के 15 हजार मदरसों के मौलवियों ने पेशावर में स्कूली बच्चों की हत्या की निंदा करते हुए कहा है कि सरकार का काम आतंकियों को फांसी देना नहीं है। वफाकुल मदरसे के काजी अब्दुल रशीद ने कहा कि पाकिस्तान सरकार फांसी की सजा का प्रावधान हटा दे। उन्होंने कहा कि इस्लाम के मुताबिक सरकार का काम फांसी देना नहीं है। सिर्फ पीडि़त परिवार के लोग ही गुनाहगारों को माफी या सजा दे सकते हैं। एक प्रेस कांफ्रेंस में उनका समर्थन जामिया फरीदिया के मौलाना अब्दुल गफ्फार समेत कई अन्य मौलानाओं ने किया।