वाहन उद्योग में कहीं खुशी, कहीं गम
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मंदी से त्रस्त कार उद्योग की सारी उम्मीदों पर आम बजट ने तुषारापात कर दिया है। वित्त मंत्री ने एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) पर उत्पाद शुल्क की दर 27 से बढ़ाकर 30 फीसद कर दी है। इससे विभिन्न कंपनियों के एसयूवी मॉडल 15 लाख रुपये तक महंगे हो जाएंगे। हाल के वर्षो में सबसे ज्यादा एसयूवी ही बिक रही थी। ज्यादातर डीजल च
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मंदी से त्रस्त कार उद्योग की सारी उम्मीदों पर आम बजट ने तुषारापात कर दिया है। वित्त मंत्री ने एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) पर उत्पाद शुल्क की दर 27 से बढ़ाकर 30 फीसद कर दी है। इससे विभिन्न कंपनियों के एसयूवी मॉडल 15 लाख रुपये तक महंगे हो जाएंगे। हाल के वर्षो में सबसे ज्यादा एसयूवी ही बिक रही थी। ज्यादातर डीजल चालित एसयूवी की बिक्री हो रही है। इसलिए कार उद्योग इसे दोहरा धक्का मान रहा है। सितंबर, 2012 में डीजल की कीमत को बाजार आधारित करने के बाद एसयूवी की बिक्री में कमी की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी। यही वजह है कि सभी कार कंपनियां इस बजट से खासी नाराज हैं। बहरहाल, बहुत जल्द ही देश में एसयूवी की बिक्री बढ़ेगी।
वैसे, बस और ट्रक निर्माता ऑटो कंपनियों को बजट से कुछ राहत मिलेगी। शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत दस हजार बसें खरीदने के एलान से इन कंपनियों को फायदा होगा। वर्ष 2008-09 में इस तरह की घोषणा से वाहनों की बिक्री बढ़ी थी। भारी ट्रकों के चेसिस पर उत्पाद शुल्क की दर को 14 से घटाकर 13 फीसद करने से टाटा, महिंद्रा सहित कई कंपनियों को फायदा होगा। लग्जरी विदेशी कारों व दोपहिया वाहनों पर सीमा शुल्क की दर काफी बढ़ा दी गई है। इससे ये कंपनियां अब भारत में प्लांट लगाने को विवश होंगी। साथ ही दूसरे देशों से सेकेंड हैंड कारों पर सीमा शुल्क की दर 100 से बढ़ाकर 125 फीसद करने से भी घरेलू उद्योग को फायदा होगा।
कपड़ा उद्योग को राहत
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली
वैश्विक और घरेलू मंदी से हलकान कपड़ा उद्योग पर वित्त मंत्री की खास मेहरबानी रही है। टेक्सटाइल सेक्टर में तकनीकी उन्नयन पर सरकार 12वीं योजना में कुल 1,51,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। अगले वित्त वर्ष के लिए इन्हें 2,400 करोड़ रुपये दिए गए हैं। देश में अपैरल पार्क के गठन को वित्तीय मदद देने के लिए भी 50 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। टेक्सटाइल उद्योग पर्यावरण को कम क्षति पहुंचाने वाले तकनीकी का इस्तेमाल करे, इसके लिए 50 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान है।
टेक्सटाइल मशीनरी के आयात पर शुल्कों में रियायत की घोषणा की गई है। हैंडलूम क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों को कम ब्याज पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए 96 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इन्हें छह फीसद ब्याज पर कर्ज दिया जा सकेगा। खादी, ग्रामीण व अन्य पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच वर्षो तक 850 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इससे चार लाख हैंडलूम कामगारों को सीधा लाभ होगा।
:::::प्रतिक्रिया:::
यह एक जिम्मेदार बजट है। इसमें विकास और रोजगार बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
-नैना लाल किदवई, अध्यक्ष, फिक्की
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सरकार ने निवेश आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित है। समेकित विकास के लिए इसमें कई प्रस्ताव किए गए हैं। कृषि, एमएसएमई, आधारभूत संरचना और पूंजी बाजार को कई प्रोत्साहन दिए गए हैं।
-आदि गोदरेज, अध्यक्ष, सीआइआइ
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वित्त मंत्री ने साहसिक और व्यावहारिक बजट पेश किया है। यह निवेशक और विकास केंद्रित है। मानव संसाधन विकास और कृषि क्षेत्र पर भी पर्याप्त ध्यान दिया गया है।
- डीएस रावत, महासचिव, एसोचैम
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राजकोषीय घाटा कम करने के प्रस्ताव उत्साहजनक हैं। घाटे में कमी लाना अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी है।
-पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स
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निवेशकों का भरोसा व विकास दर बढ़ाने और खर्च घटाने के कई कदम उठाए गए हैं। भारत ने माना है कि पांच फीसद जीडीपी बड़ी आबादी को रोजगार देने के लिए पर्याप्त नहीं है।
-रोन सोमर्स, प्रेसीडेंट, यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल
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बजट में छोटी अवधि की प्राथमिकताओं और लंबी अवधि के लिए विकास की जरूरतों में संतुलन बनाया गया है।
-चंदा कोचर, सीईओ, आइसीआइसीआइ बैंक
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बजट के कदमों से कपड़ा और हस्तशिल्प निर्यात में वृद्धि होगी। आधारभूत संरचना क्षेत्र की मजबूती के उपायों से भी निर्यात आधारित क्षेत्रों को लाभ होगा।
-रफीक अहमद, अध्यक्ष, फियो
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