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उत्तर प्रदेश की सड़कों के निर्माण में पेड़ों की कटाई का अड़ंगा

उत्तर प्रदेश सरकार सड़कों के निर्माण में तेजी के लिए कुछ स्वतंत्र कंपनियों से पेड़ों की कटाई कराने की छूट देने का मन बना रही है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली-सहारनपुर-यमुनोत्री सड़क को चार लेन बनाने का कार्य पिछले पांच वर्ष से अधर में है। यही नहीं मऊ-बलिया फोर लेन सड़क

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 29 Jan 2015 06:53 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jan 2015 06:56 PM (IST)
उत्तर प्रदेश की सड़कों के निर्माण में पेड़ों की कटाई का अड़ंगा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार सड़कों के निर्माण में तेजी के लिए कुछ स्वतंत्र कंपनियों से पेड़ों की कटाई कराने की छूट देने का मन बना रही है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली-सहारनपुर-यमुनोत्री सड़क को चार लेन बनाने का कार्य पिछले पांच वर्ष से अधर में है। यही नहीं मऊ-बलिया फोर लेन सड़क समेत एनएचएआई की आधा दर्जन परियोजनाएं वर्षों से लंबित हैं। सरकार की इस तरह की योजनाओं में हजारों पेड़ों की बलि दी जाने वाली है। एक सर्वे के मुताबिक अकेले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे निर्माण में करीब 28000 पेड़ों का उजाड़ा जाना तय है। फिलहाल सरकार सड़का निर्माण की बाधा दूर करने जा रही है। इसकी तैयारी हो चुकी है। पहले चरण में लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश राजमार्ग प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश एक्सपे्रसवे औद्योगिक प्राधिकरण और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को स्वतंत्र एजेंसियों से कटाई की अनुमति मिलेगी। यह सब केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बैठक में किया गया जा चुका है। इस दौरान लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने वन निगम द्वारा पेड़ों की कटाई में विलंब का मामला उठाया था। ऐसे में सरकार ने पूरे मामले को गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है।

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