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उद्योगों की कटी बिजली तो औरों को मिली कुछ राहत

लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। प्रदेश में उद्योगों की बिजली कटौती के साथ ही उपलब्धता में इजाफा होने से लो

By Edited By: Published: Sat, 30 Aug 2014 01:11 PM (IST)Updated: Sat, 30 Aug 2014 01:11 PM (IST)
उद्योगों की कटी बिजली तो औरों को मिली कुछ राहत

लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। प्रदेश में उद्योगों की बिजली कटौती के साथ ही उपलब्धता में इजाफा होने से लोगों को अब अधाधुंध बिजली कटौती से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने कल ंगांवों से लेकर शहरों को पहले से कहीं ज्यादा बिजली दी।

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प्रबंधन ने अभी उद्योगों की बिजली कटौती जारी रखने का फैसला किया है इसलिए प्रदेशवासियों को बिजली आपूर्ति में और इजाफा हो सकता है। इस बीच औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने उद्योगों की बिजली कटौती पर कारपोरेशन प्रबंधन से मुलाकात की। प्रबंधन ने बिजली की मांग घटने व उपलब्धता में सुधार होते ही उद्योगों को बिजली कटौती से मुक्त करने का आश्वासन दिया। बारिश न होने से राज्य में बिजली की मांग कम नहीं हो रही है। मांग जहां 13 हजार मेगावाट तक पहुंच रही है वहीं उपलब्धता अब लगभग 11 हजार मेगावाट के आसपास है। ऐसे में गांवों से लेकर शहरों में होने वाली अधाधुंध बिजली कटौती के मद्देनजर उद्योगों की दिन में चार घंटे बिजली कटौती का असर गुरुवार को दिखाई दिया।

बुधवार को गांवों व तहसील स्तरीय कस्बों को जहां औसतन मात्र 3.49 घंटे बिजली मिली थी वहीं गुरुवार को छह घंटे बिजली गांवों को आपूर्ति की गई। कार्पोरेशन के रिकार्ड के मुताबिक जिला मुख्यालयों को 13.48 से बढ़ाकर 16.02 घंटे, मंडल मुख्यालयों को 16.24 से बढ़ाकर 19.50 घंटे, बुंदेलखंड को 11.40 घंटे से 13 घंटे तथा महानगरों को 17.54 घंटे से लगभग तीन घंटे ज्यादा 20.51 घंटे बिजली आपूर्ति की गई।

पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक एपी मिश्र ने बताया कि फिलहाल उद्योगों की दिन में 12 बजे से चार बजे तक बिजली कटौती जारी रहेगी। मिश्र ने बताया कि शनिवार के लिए इनर्जी एक्सचेंज से 16 मिलियन यूनिट बिजली मिल गई है। ऐसे में गांवों को आठ घंटे तक बिजली देने की कोशिश होगी। प्रबंध निदेशक ने बताया कि कल औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल से मुलाकात की है। उद्यमी, बहुत जरूरी होने की स्थिति में भी उद्योगों की बिजली दिन के बजाय शाम को काटने के लिए अध्यक्ष से कहा लेकिन अध्यक्ष ने उद्योगों की बिजली कटौती के मौजूदा शेड्यूल को ही बनाए रखने की बात कही। अध्यक्ष ने कहा कि सिंचाई के लिए गांवों को दिन में ही बिजली चाहिए। अध्यक्ष ने उम्मीद जताई कि अधिकतम एक सप्ताह ही उद्योगों की बिजली कटौती करनी पड़ सकती है। अग्रवाल ने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि बिजली की मांग घटने व उपलब्धता की स्थिति सुधरते ही उद्योगों को फिर से बिजली कटौती से मुक्त कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि काफी समय बाद ऐसी नौबत आई है कि उद्योगों को भी बिजली काटनी झेलनी पड़ रही है।


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