पुलिस स्मृति दिवस: नम आंखों में बहादुरी की दास्तां
लखनऊ। खाकी के बीच वह महफूज थी लेकिन संवेदना आंखों से झर रही थी। मुख्यमंत्री अखिलेश य
लखनऊ। खाकी के बीच वह महफूज थी लेकिन संवेदना आंखों से झर रही थी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखीमपुर खीरी में तैनात रहे शहीद सिपाही विक्रम प्रताप की पत्नी तनु उर्फ अर्चना को सम्मानित किया तो वह फफक पड़ी। आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। पास बैठी चार अन्य शहीद पुलिसकर्मियों की पत्िनयों का हाल भी यही था। उनका दुख देख वहां खड़ी महिला पुलिसकर्मियों की पलकें भी नम हो गई। मुख्यमंत्री ने पांच शहीद पुलिसकर्मियों की पत्िनयों को 25-25 हजार रुपये व शाल भेंट कर सम्मानित किया।
..पति की मूर्ति लगवाना चाहती हूं
विश्वनाथपुरम थाना सुभाषनगर, बरेली निवासी सिपाही विक्रम प्रताप की शादी 18 मई, 2013 को चंदौसी, संबल निवासी तनु उर्फ अर्चना के साथ हुई थी। 10 सितंबर, 2013 को विक्रम होमगार्ड के साथ दो बंदियों को कोर्ट ले जा रहा था। रास्ते में चार बदमाशों ने विक्रम की आंख में मिर्च झोंककर बंदियों को छुड़ाने का प्रयास किया। विरोध पर बदमाशों ने विक्रम को गोली मार दी थी। शहीद सिपाही विक्रम की पत्नी तनु की मांग शादी के करीब साढ़े तीन माह बाद ही उजड़ गई। तनु पति का जिक्र आते ही मानो फूट पड़ी। फिर खुद को संभालते हुए कहा कि वह ससुराल में पति की मूर्ति लगवाने के साथ ही उनके नाम से एक रोड बनवाना चाहती हूं। तनु के मुताबिक ससुरालीजन उसका सहारा नहीं बने। उसे मायके भेज दिया गया था। अब तक उसे सरकार की ओर से शहीद परिवार को मिलने वाली 20 लाख की अनुग्रह राशि नहीं मिली है। तनु अपने पिता सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी मुन्नालाल व भाई के साथ लखनऊ आई थीं। मुन्नालाल के मुताबिक अब तक दुर्घटना बीमा के एक लाख रुपये व ग्रेच्युटी के एक लाख 36 हजार रुपये का भुगतान हुआ है।
बेटे को दारोगा बनाना चाहती है
ग्राम भदोखरा तहसील फतेहाबाद, आगरा निवासी सिपाही गिर्राज किशोर फिरोजाबाद के थाना रामगढ़ में तैनात थे। 15 जून, 2014 को गश्त के दौरान बदमाशों की गोली का शिकार हो गए थे। गिर्राज की पत्नी मालती देवी मंगलवार को दो बेटों योगेंद्र व पवन (16) व अन्य रिश्तेदारों के साथ लखनऊ आई थीं। मालती देवी ने बताया कि उन्हें अनुग्रह राशि व अन्य विभागीय भुगतान मिल गए हैं। वह चाहती हैं कि 12वीं पास कर चुका उनका बड़ा बेटा योगेंद्र पिता के स्थान पर नौकरी करे। पहले वह बेटे को स्नातक तक पढ़ाना चाहती हैं, ताकि वह दारोगा बन सके।
दर्जा नहीं प्रमाणपत्र मिले
ग्राम नगलाकिसी थाना घिरोर, मैनपुरी निवासी सिपाही दिनेश प्रताप फिरोजाबाद के रामगढ़ में तैनात थे। गश्त के दौरान दिनेश भी 15 जून, 2014 को सिपाही गिर्राज के साथ बदमाशों की गोली का निशाना बने थे। दिनेश की पत्नी विनीता तथा दो बेटे कुनाल (11) व मयंक (7) हैं। दिनेश के भाई नीरज व अन्य परिवारीजन विनीता व उनके बच्चों को लेकर लखनऊ आए थे। नीरज का कहना है कि विनीता चाहती हैं कि उनका बड़ा बेटा कुनाल अपने पिता के स्थान पर पुलिस की नौकरी करे। मृतक आश्रित के तौर पर नौकरी के लिए समय अवधि बढ़ा दी जाए ताकि कुनाल पढ़ाई पूरी करने के बाद उसे हासिल कर सके। उनका कहना है कि सरकार व पुलिस विभाग ने सभी भुगतान कर दिए हैं लेकिन अब तक दिनेश प्रताप को शहीद का प्रमाण पत्र नहीं मिला है।
बेटा करे देश की सेवा
ग्राम मौडू मेरठ निवासी सिपाही सुभाष चंद्र बागपत के थाना सिघावली अहीर में तैनात थे। 11 जुलाई, 2014 को चेकिंग के दौरान बदमाशों द्वारा की गई फायरिंग में घायल हो गए थे। 15 जुलाई को उपचार के दौरान मौत हो गई थी। सुभाष की पत्नी राजकुमारी शहीद स्मृति दिवस के मौके पर सोफे में सबसे किनारे बैठी थीं। मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान हासिल करते ही उनकी आंखें छलक पड़ी। राजकुमारी ने बताया कि अब तक उन्हें शहीद के परिवार को मिलने वाली अनुग्रह राशि नहीं मिली है। राजकुमारी की दो बेटी व दो बेटे हैं। बड़ी बेटी संध्या की शादी हो चुकी है जबकि छोटी बेटी कोमल पढ़ रही है। राजकुमारी अपने बेटे दिनेश को पति की जगह नौकरी दिलाना चाहती हैं, ताकि वह भी देश की सेवा कर सके।
बेटियों की मदद करे सरकार
आगरा निवासी सिपाही खलीक अहमद पुलिस लाइन आगरा में तैनात थे। पांच दिसंबर 2013 को खलीक अभियुक्तों को गाजियाबाद कोर्ट में पेश कराने के बाद ट्रेन से लौट रहे थे। रास्ते में मथुरा-आगरा के बीच बदमाशों ने अभियुक्तों को छुड़ाने के लिए पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। गोली लगने से घायल खलीक की आठ दिसंबर, 2013 को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। खलीक की पत्नी शकीला को पुलिस स्मृति समारोह में मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। शकीला के तीन बेटियां व एक बेटा है। एक बेटी की शादी हो चुकी है। वह कहती हैं कि सरकार उनकी बेटियों की शादी के लिए मदद करे।