बेतिया में नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार पर गरजे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार में तीन चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने सीतामढ़ी की पहली रैली के बाद बेतिया के रमना मैदान में दूसरी रैली के दौरान में महागठबंधन व राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोला। आज की उनकी अंतिम रैली मोतिहारी के गांधी मैदान में है।
पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार में तीन चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने सीतामढ़ी की पहली रैली के बाद बेतिया के रमना मैदान में दूसरी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने महागठबंधन और राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोला। आज की उनकी अंतिम रैली मोतिहारी के गांधी मैदान में है।
बेतिया में जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में चल रहे भ्रष्टाचार के खुला खेल पर सोनिया गांधी भी चुप हैं। बिहार के विकास के लिए भ्रष्टाचार को मिटाना जरूरी है। मोदी ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं की नजर पांच फीसद आरक्षण पर लगी हुई है। उन्होंने नीतीश व लालू पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जंतर-मतर से सरकार नहीं बनती, लोकतंत्र से सरकार बनती है।
मोदी के बोल
- पिछले दिनों टीवी पर एक स्टिंग चल रहा था। उसमें नीतीश सरकार के एक मंत्री पैसे लेते हुए बिहार बेचने का वादा कर रहे थे। वे कैमरे में पकड़े गए। लेकिन, जो नहीं पकड़े गए, उन्होंने बिहार बेचने के लिए कैसे-कैसे वादे किए होंगे? क्या बिहार को बेचने देना है? वे कैमरे के सामने नोटों की गिनती करते हैं। कहते हैं कि आपका काम सरकार बनने पर हो जाएगा, लेकिन पांच और मंत्रियों को भी चारा डालना होगा।
- लालू जी के भी उम्मीदवार पकड़े गए। लालू को लगता है, "तू तो अभी बच्चा है, मेरे चारे घोटाले को देख ले। कितनी सजा होगी, सजा काट लेंगे और मेरे पीछे-पीछे आ जा।"
- नीतीश ने कहा था कि उनकी सरकार भ्रष्टाचारियों को पकड़ेगी। उनकी संपत्ति जब्त कर स्कूल खुलवाएगी। बाकी को छोड़ो, आपने जिनके साथ समझौता किया है, उनकी संपत्ति जब्त करके वादा पूरा करो नीतीश बाबू। आपकी (नीतीश) सरकार के मंत्री लाखों रुपये लेते पकड़े गए। उनकी संपत्ति जब्त कर स्कूल चालू क्यों नहीं किया? आपके उम्मीदवार सत्यदेव ने रुपये लिए। क्या उनकी संपत्ति जब्त की?
- और मैडम सोनिया जी, आप भी तो देखिए। मैडम सोनिया जी, कुछ तो बोलो। कैमरे के सामने जो लेनदेन हुई, उसपर कुछ तो बोलो। आपको लगता है कि लिया, लेकिन आपको हिस्सा नहीं दिया। समस्या क्या है, बोलो तो।
- चुनाव के नारे देना अलग बात है, करके दिखाओ तब पता चलता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जाती है।
- कांग्रेस पार्टी संसद को चलने नहीं देती, अनाप-शनाप आरोप लगाती है। बिहार में रुपयों का लेनदेन चल रहा है, लेकिन मुंह पर ताला लगाकर आपको गुमराह कर रहे हैं।
- बिहार में जब तक भ्रष्टाचार को नहीं मिटाएंगे तब तक बिहार को आगे नहीं ले जा पाएंगे। आपके पास बिहार के विकास के लिए वोट मांगने आया हूं। ये लोग 'बिहारी' और 'बाहरी' कहते हैं। क्या देश का प्रधानमंत्री सभी राज्यों का प्रतिनिधि है या नहीं है? क्या प्रधानमंत्री कभी बाहरी हो सकता है? आपका मुख्यमंत्री पटना से चुनाव जीतता है तो बेतिया का माना जाएगा या नहीं? बेतिया में उसे बाहरी माना जाएगा क्या?
- देश के पीएम को बाहरी इसलिए कह रहे हैं कि इनके पेट में पाप पड़ा हुआ है। पाप ये है कि एक लाख 65 हजार करोड़ के पैकेज को अपने अहंकार की वजह से ठुकराने के रास्ते तलाश रहे हैं।
- उन्होंने 15 साल तक जंगलराज चलाया। 10 साल अहंकारी नेता ने राज किया। दोनों ने मिलकर 25 साल सरकार चलाई।
- बिहार में पलायन रुका क्या? बिहार में रोजगार मिलना चाहिए या नहीं? बड़े भाई-छोटे भाई की सरकार यहां 25 साल चली, लेकिन नौजवानों को अपने मां-बाप को छोड़कर जाना पड़ा। बिहारी नौजवान को बाहरी बनने के लिए किसने मजबूर किया? धक्के मारकर बाहर क्यों कर दिया गया? ये बिहारी और बाहरी का बात करने वाले लालू-नीतीश ने ही नौजवानों को बाहरी बना दिया है। उन्हें मां-बाप से दूर करने का पाप किया।
- लालू जी नीतीश जी को क्या कहते थे पता है? कहते थे, "दुनिया में ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको नीतीश ने ठगा नहीं।" वही नीतीश बाबू अब लालू के साथ बैठे हैं। ये खुद के साथ भी छलावा है। सार्वजनिक जीवन में भी यह शोभा नहीं देता। दोनों मिलकर अब जनता को भ्रमित करने के लिए मैदान में आए हैं। ये विश्वासघात करने वाले लोग है, बिहार इनपर अब भरोसा नहीं कर सकता।
- आरक्षण में भी चोरी करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले दरवाजों से खेल चल रहा है। नीतीश, लालू का तो पुराना पेशा रहा है यह। जैसे चारा हड़प कर गए, वैसे ही आरक्षण से पांच फीसद हड़प करना चाहते हैं। बाबा साहेब अंबेदकर के आरक्षण से पांच फीसद चोरी करने का खेल चल रहा है। पांच फीसद दलितों, महादलितों, पिछड़ों और महापिछड़ों के हिस्से से चोरी करके संप्रदाय के आधार पर दे देने की कोशिश हो रही है।
- इस चुनाव में एक ओर भ्रष्टाचार की लड़ाई है तो दूसरी तरफ सुशासन की है। बिहार में जो सरकार चल रही है, वहां का उद्योग अपहरण है। लालू का इस चुनाव में एजेंडा है, नीतीश को धूल चटा देना। दूसरा एजेंडा है, बेटों को बैठा देना। बिहार की जनता आज उनके बेटों को भी जिताने को तैयार नहीं है।
- हमने चुनाव शुरू होने से पहले एक लाख 65 हजार करोड़ का पैकेज दिया। सवा लाख करोड़ का पैकेज नए और बाकी पुराने थे जो दिए नहीं गए थे। इतने रुपयों से बिहार का भाग्य बदलेगा या नहीं?
- क्या जंतर-मतर से स्कूल खुलता है? खेत में पानी आता है? नौजवान को रोजगार मिलता है? माताओ-बहनों को सुरक्षा मिलती है क्या?
- आपने देखा है कोई कितना भी धनी या पढ़ा लिखा हो, उसके घर में कोई बीमार हो जाए तो अच्छे डॉक्टर के पास जाता है। लेकिन, बीमारी ठीक नहीं होती तो पढ़ा लिखा इंसान भी हार जाता है। उसके बाद वह तांत्रिक के पास जाता है। उनको (महागठबंधन) लगता है कि बिहार की जनता रूठ गई है। इसलिए, अब एक ही जगह बची है जंतर-मंतर की। यह लोकतंत्र का अपमान है या नहीं? जंतर-मतर से सरकार नहीं बनती, लोकतंत्र से सरकार बनती है, लोगों को समर्पित होती है।
- नीतीश ने पिछले चुनाव में बिजली पहुंचाने का वादा किया था। वादा पूरा न होने पर वोट मांगने न आने की बात कही थी। बिजली नहीं आई। 4000 गांव आज भी अंधेरे में हैं। फिर भी आपके पास वोट मांगने आ गए। जिन्होंने आपसे वादा तोड़ा, उनसे नाता तोड़ोगे या नहीं?
- वादाखिलाफी करने वालों को राजनीति में कोई जगह नहीं होती। मैंने 50 हजार करोड़ का पैकेज देने का वादा किया था। जब सरकार बनी और देखा तो लगा कि बिहार को 50 हजार करोड़ से कोई लाभ नहीं होगा। इसलिए इसे सवा लाख करोड़ रुपये कर दिया। साथ ही 40 हजार करोड़ और भी दे दिया।
- हमने बेतिया राष्ट्रीय राजमार्ग 28 बी, रक्सौल हवाई अड्डा, सुगौली रेल विद्युतीकरण के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की सौगात दी है।
- यहां के नेता पैसों का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। हमने उनको एक हजार करोड़ रुपये सर्व शिक्षा अभियान के लिए भेजे, लेकिन अभी तक उसका हिसाब नहीं दिया। स्वास्थ्य मिशन के लिए 500 दिया लेकिन हिसाब नहीं दिया। एससी-एसटी-ओबीसी के लिए 300 करोड़ भेजे। अभी तक इसका भी हिसाब नहीं दिया। ग्रामीण सड़क बनाने के लिए करीब 16 सौ करोड़ दिये, लेकिन बैंक में अभी भी नौ सौ करोड़ रुपये पड़े हैं। क्या ऐसे बिहार का विकास होगाा?
- जितनी ज्यादा जागरुकता होती है, जितना निष्पक्ष मतदान होता है, उतनी ही लोकतंत्र की शक्ति बढ़ती रहती है।
- जिन्होंने अहंकार पाल कर रखा, उनको जवाब जनता दे रही है। कल तीसरे चरण का मतदान होना है, चुनाव आयोग को बधाई देना चाहता हूं। शांतिपूर्ण तरीके से भारी मतदान के लिए चुनाव आयोग व मतदाता अभिनंदन के अधिकारी हैं।
- तीसरे चरण में पहले व दूसरे चरण का रिकॉर्ड टूटेगा। आप (चौथा चरण) भी क्या सारे रिकॉर्ड तोड़ेंगे?
- इस चुनाव में बिहार दो-दो दिवाली मनाने वाला है। एक दिवाली आठ अक्टूबर को नतीजे आने के बाद और दूसरी दिवाली के दिन। अब बिहार से अंधेरा छटेगा और उजाला आएगा।