शहर हो या गांव आज यूपी में बिजली कटौती नहीं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रकाश पर्व दीपावली पर शहर हो या गांव दोनों को बिजली कटौती से मुक्त रखने क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रकाश पर्व दीपावली पर शहर हो या गांव दोनों को बिजली कटौती से मुक्त रखने की तैयारी है। इसके लिए पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने करीब 13 हजार मेगावाट बिजली का इंतजाम किया है। उम्मीद है कि अब गर्मी न होने के साथ ही कार्यालय-उद्योगों के बंद रहने से दीपावली पर बिजली की मांग इससे अधिक नहीं रहेगी। धनतेरस के अवसर पर भी प्रदेशवासियों को तय शेड्यूल से ज्यादा बिजली आपूर्ति की गई।
आज दीपावली के अवसर पर कारपोरेशन प्रबंधन का अनुमान है कि बिजली की मांग बढ़कर लगभग 13000 मेगावाट तक पहुंचेगी। मांग बढ़ने पर प्रदेशवासियों को बिजली कटौती से न जूझना पड़े इसके लिए प्रबंधन ने द्विपक्षीय समझौते, बैंकिंग व इनर्जी एक्सचेंज से अतिरिक्त बिजली का इंतजाम किया है। प्रमुख सचिव ऊर्जा के साथ ही पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष व विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी होने के नाते संजय अग्रवाल ने राज्य व केंद्र के बिजली घरों से उत्पादित बिजली पर भी नजर रखी है। पारीछा की 250 मेगावाट की बंद चल रही यूनिट भी चालू हो गई है। ऐसे में दीपावली पर रिकार्ड बिजली की उपलब्धता होने का दावा प्रबंधन ने किया है।
पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक एपी मिश्र ने बताया कि गुरुवार को गांव से लेकर महानगरों को बिजली कटौती से मुक्त रखने के मद्देनजर बिजली की मांग के बराबर ही उपलब्धता सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है। राज्य व केंद्र के बिजली घरों से बिजली की उपलब्धता बढ़ने के साथ ही द्विपक्षीय व बैंकिंग से लगभग डेढ़ हजार मेगावाट तथा इनर्जी एक्सचेंज से शाम छह से रात 12 बजे तक के लिए दो हजार मेगावाट तक 10.83 मिलियन यूनिट अतिरिक्त बिजली सात रुपये यूनिट तक में कुल 5.50 करोड़ रुपये से खरीदी गई है।
मिश्र ने बताया चूंकि मौसम में ठंड होने से अब एसी का लगभग एक हजार मेगावाट का लोड तकरीबन खत्म है। दीपावली पर उद्योगों व कार्यालयों के बंद रहने से भी बिजली की मांग 1400 मेगावाट तक कम रहेगी। ऐसे में दिन के साथ ही शाम को अब शहरों के साथ ही गांवों को भी बिजली कटौती से मुक्त रखने की पूरी तैयारी है। प्रबंध निदेशक ने बताया कि गुरुवार शाम से रात तक बिजली आपूर्ति पर नजर रखने के लिए वह खुद ही शाम छह से रात 11 बजे तक शक्तिभवन कंट्रोल रूम में मौजूद रहेंगे। सभी विभागीय अधिकारियों व अभियंताओं को भी फील्ड में रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि स्थानीय दोष के चलते कहीं बिजली आपूर्ति न ठप रहे।