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डीजीपी एके जैन को तीन माह का सेवा विस्तार

डीजीपी अरविन्द कुमार जैन को केंद्र सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद तीन माह का सेवा विस्तार मिल गया है। अब उनका कार्यकाल तीस जून तक होगा। इस उपलब्धि से जैन ने इतिहास रचा है। उत्तर प्रदेश में करीब साढ़े तीन दशक बाद किसी डीजीपी को सेवा विस्तार मिला

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 02:22 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2015 01:12 AM (IST)
डीजीपी एके जैन को तीन माह का सेवा विस्तार

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। डीजीपी अरविन्द कुमार जैन को केंद्र सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद तीन माह का सेवा विस्तार मिल गया है। अब उनका कार्यकाल तीस जून तक होगा। इस उपलब्धि से जैन ने इतिहास रचा है। उत्तर प्रदेश में करीब साढ़े तीन दशक बाद किसी डीजीपी को सेवा विस्तार मिला है। इसके पूर्व वर्ष 1983 में तत्कालीन डीजीपी श्रीश चंद्र दीक्षित को सेवा विस्तार मिला था।

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केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के निदेशक गुलजार ने मुख्य सचिव आलोक रंजन, केंद्रीय गृह मंत्रालय, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव नृपेन्द्र मिश्रा, कैबिनेट सचिव और डीजीपी एके जैन समेत कई प्रमुख लोगों को मंगलवार को भेजे गए अपने पत्र में गृह मंत्रालय के 28 मार्च के पत्र के संदर्भ में सेवा विस्तार की जानकारी दी। निदेशक के मुताबिक नियुक्ति समिति के अनुमोदन के बाद 1979 बैच के आइपीएस अरविन्द कुमार जैन को जनहित में तीन माह का सेवा विस्तार दिया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने एके जैन का कार्यकाल बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी। गृह मंत्रालय ने अपनी संस्तुति के साथ यह प्रस्ताव पीएमओ को अग्रसारित किया था। मंगलवार को पीएमओ से हरी झंडी मिलने के बाद सेवा विस्तार की अधिसूचना जारी कर दी गई।

विदाई के बाद उपहार

जैन अपनी अधिवर्षता आयु पूरी करने के बाद मंगलवार सुबह पुलिस लाइन में आयोजित विदाई सम्मान में रैतिक परेड की सलामी ले चुके थे और दोपहर बाद चार बजे उनके आवास पर उच्च स्तरीय चाय पार्टी भी हो चुकी थी कि इसी बीच सेवा विस्तार की पक्की खबर आ गई। इसके बाद डीजीपी आवास में मौजूद डीजी रंजन द्विवेदी, वीके गुप्ता, आरआर भटनागर, एडीजी कानून-व्यवस्था मुकुल गोयल, आइजी ए. सतीश गणेश, रामकुमार, वीपी जोगदंड समेत तमाम अधिकारियों ने उन्हें बधाई देना शुरू कर दिया।

पहले ही निरस्त कर दिया था रात्रिभोज

डीजीपी एके जैन को पुष्ट खबर थी कि उनको सेवा विस्तार मिल रहा है। मंगलवार को पुलिसकर्मियों को प्रशंसा चिन्ह सौंपते समय उनके उद्बोधन में इस बात के स्पष्ट संकेत देखने को मिले। उन्होंने भविष्य की योजनाओं पर भी बल दिया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि मंगलवार रात में डीजीपी की विदाई में आयोजित रात्रि भोज को पहले ही निरस्त कर दिया गया था।

चरित्र पंजिका में लिख सकते मंतव्य

वित्तीय वर्ष में डीजीपी को अपने मातहतों की चरित्र पंजिका में मंतव्य दर्ज करने का अधिकार होता है बशर्ते वह मातहत उनके पर्यवेक्षण में तीन माह काम किया हो। सेवा विस्तार मिलने के बाद जैन को प्रविष्टि करने का अवसर मिलेगा। अब उनका कार्यकाल तीन माह बढ़ जाने से इस वित्तीय वर्ष में वह अपना मंतव्य लिख सकते हैं। अनुशासन के लिहाज से इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

दौड़ में शामिल अफसरों को झटका

डीजीपी बनने की दौड़ में शामिल अफसरों को करारा झटका लगा है। वैसे तो परेड और चाय पार्टी में कई वरिष्ठ अधिकारी नहीं आए थे लेकिन डीजीपी के एक प्रबल दावेदार न तो विदाई परेड में दिखे और न ही चाय पार्टी में। अफसर भी उनके आने की चर्चा कर रहे थे।


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