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जाट आंदोलन स्थगित होनेे के बावजूद दिल्ली में 26 जनवरी जैसी सुरक्षा

जाट आरक्षण आंदोलन को रद किए जाने की घोषणा के बावजूद दिल्ली में फिलहाल सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 08:37 AM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2017 10:26 AM (IST)
जाट आंदोलन स्थगित होनेे के बावजूद दिल्ली में 26 जनवरी जैसी सुरक्षा
जाट आंदोलन स्थगित होनेे के बावजूद दिल्ली में 26 जनवरी जैसी सुरक्षा

नई दिल्ली (जेएनएन)। जाट आरक्षण आंदोलन को रद किए जाने की घोषणा के बावजूद दिल्ली में फिलहाल सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है। सोमवार को दिल्ली पुलिस व पैरा मिलिट्री के साथ साथ सेना व एनएसजी को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। दिल्ली की सभी सीमाएं सील हैं। बाहर के राज्यों से दिल्ली आने वालों को कड़ी सुरक्षा के बाद ही राजधानी में प्रवेश मिल रहा है। 

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दिल्ली में रविवार रात से प्रदर्शनकारियों के खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा इंतजाम कितने कड़े हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर भी अर्द्धसैनिक बलों की केवल 100 कंपनियां तैनात की जाती हैं।

विशेष आयुक्त व दिल्ली पुलिस के मुख्य प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने रविवार देर शाम मुख्यालय में मीडिया को दिए बयान में कहा था कि आंदोलन वापस लेने की घोषणा के बाद पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे मेट्रो, रेल व बसों के संचालन से रोक हटा ली गई है, जबकि आंदोलन रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने जो सुरक्षा इंतजाम किए हैं वह बरकरार रहेंगे। बार्डर से नई दिल्ली जिला तक तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।

बार्डर पर कई लेयर बैरिकेड लगाए गए हैं। पहली बार ऐसा देखने को मिला कि बैरीकेड को आंदोलनकारी कूद न पाए इसके लिए ऊपर की तरफ कटीली तारें भी लगाई गई है। सभी बार्डर पर क्रेन, फायर ब्रिगेड, आंसू गैस के गोले छोड़ने वाली गाड़ियां व वाटर कैनन की व्यवस्था की गई है। पैरा मिलिट्री भी तैनात की गई है।

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19 मार्च की आधी रात से बाहर के राज्यों से आने वाले हर वाहन की तलाशी लेने के बाद ही दिल्ली में प्रवेश मिल रहा है। इंटर स्टेट बसों में चढ़कर पुलिसकर्मी चेकिंग कर रहे हैं। पैरा मिलिट्री में केंद्रीय रिजर्व पुलिस, बीएसएफ, एसएसबी व आइटीबीपी के जवान भी सुरक्षा में लगाए गए हैं। सभी जिले के डीसीपी को निर्देश दिया गया है कि वह अपने अपने जिले की अच्छी तरह बैरीकेडिंग करें ताकि उनके जिले से कोई प्रदर्शनकारी दूसरे जिले में न आ सके।

नई दिल्ली जिला खासतौर पर अभेद्य किले में तब्दील रहेगा। नई दिल्ली जिला के हर थाने के थानाध्यक्ष को कहा गया है कि वे अपने अपने सीमा क्षेत्र की बैरीकेडिंग करके रखे। पुलिस अधिकारी की मानें इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था पहली बार की गई है। 15 अगस्त व 26 जनवरी जैसे मौके पर भी पूरी दिल्ली में इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जाती है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोमवार को हालात देखने के बाद आगे का निर्णय लेंगे।

बदरपुर बॉर्डर इलाके में फ्लाईओवर के ऊपर और नीचे बैरिकेडिंग की गई थी। हरियाणा से आने वाले वाहनों पर विशेष नजर रखी जा रही थी। फरीदाबाद की ओर से आने वाले ऐसे वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जिसमें जाट समुदाय के लोग सवार थे।

बैरिकेडिंग के साथ कंटीले तार

पुल प्रहलादपुर में एमसीडी टोल से पहले सूरजकुंड रोड पर पुलिस ने कंटीले तार लगाए हुए थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आदेश है कि जाट आंदोलनकारियों को दिल्ली में प्रवेश करने से पहले ही रोक दिया जाए। कालिंदी कुंज बैराज पर दो स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई थी।

नोएडा में भी प्रवेश द्वारों पर बैरिकेड्स लगे थे। शाम के बाद इन सभी स्थानों पर वाहनों की जांच बढ़ा दी गई थी। डीएनडी पर पुलिस ने करीब 100 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। प्रदर्शनकारियों के उग्र होने पर उन्हें रोकने के लिए लोहे की तार व कीलों से वाहनों के टायर पंचर करने की व्यवस्था पुलिस ने कर रखी थी।

धारा 144 का पोस्टर

जाट आंदोलन के मद्देनजर दिल्ली में धारा 144 लगाई गई थी। दिल्ली पुलिस ने सभी बॉर्डर पर एक बड़ा पोस्टर लगाया गया था। इस पर सूचना लिखा गया था कि दिल्ली में एकत्रित होने व प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


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