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मधेशियों ने भारत-नेपाल सीमा पर आवागमन ठप करने की दी चेतावनी

भारत-नेपाल की जोगबनी सीमा पर आगामी रविवार से मधेशी आवागमन को पूर्ण रूप से ठप कर देंगे। नतीजतन दोनों देशों के लोगों के लिए पैदल भी इस पार से उस पार आना-जाना मुश्किल हो जाएगा। यह जानकारी फोन पर संघीय समाजवादी फोरम नेपाल के जिला प्रवक्ता जितेन्द्र यादव ने दी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2015 10:21 AM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2015 11:46 AM (IST)
मधेशियों ने भारत-नेपाल सीमा पर आवागमन ठप करने की दी चेतावनी

जागरण टीम, अररिया। भारत-नेपाल की जोगबनी सीमा पर आगामी रविवार से मधेशी आवागमन को पूर्ण रूप से ठप कर देंगे। नतीजतन दोनों देशों के लोगों के लिए पैदल भी इस पार से उस पार आना-जाना मुश्किल हो जाएगा। यह जानकारी संघीय समाजवादी फोरम नेपाल के जिला प्रवक्ता जितेन्द्र यादव ने गुरुवार को दूरभाष पर दी।

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उन्होंने बताया कि यह कदम नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली द्वारा दिए गए बयान के बाद उठाया गया है। बयान के विरोध में मशाल जुलूस भी निकाला गया। जुलूस विराटनगर के कई मार्गों से गुजरा। इस दौरान मांगों के समर्थन में मधेशी नारेबाजी कर रहे थे।

प्रवक्ता ने बताया कि नेपाल के सुनसरी में दो दिन पूर्व प्रधानमंत्री ने उनकी मांगों को दरकिनार करते हुए अपने भाषण में कहा था कि मोरंग, सुनसरी, झापा एवं कांतिपुर जिले को अन्य प्रदेश में शामिल करने की बात तो दूर, एक गज जमीन तक नहीं दी जाएगी। इसके लिए मधेशियों को जितना भी आंदोलन करना है करें।

इधर पड़ोसी देश नेपाल में 128वें दिन गुरुवार को भी मधेशियों का आंदोलन जारी रहा। इस दौरान रौतहट जिले के बंकुल में तस्करी के 500 लीटर डीजल लेकर जा रहे भारतीय वाहन (बोलेरो) में आग लगा दी गई। इसके बाद चालक की जमकर पिटाई की गई। बोलेरो पर शादी मुबारक का स्टीकर लगा था लेकिन पीछे कई गैलन में डीजल ले जाया जा रहा था। आंदोलन में तेजी लाने के लिए सवारी व प्रतिष्ठानों को बंद रखने की घोषणा की गई है। गौर में कफ्र्यू हटा लिया गया। यहां देर शाम मशाल जुलूस निकला।

सर्लाही जिले के मलंगवा में मधेशी नेता अशोक यादव की रिहाई के लिए जुलूस निकाल कर हंगामा किया गया। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। वहीं भि_ामोड़ के पास नो-मेंस लैंड पर धरना व रिले अनशन जारी रहा। भारत से जाने वाले मालवाहक ट्रकों को नेपाल में नहीं घुसने दिया गया। जलेश्वर में भी दिनभर धरना-प्रदर्शन जारी रहा।

उधर, वीरगंज में मैत्री पुल पर प्रदर्शन किया गया। यहां जारी आर्थिक नाकेबंदी के कारण आयात-निर्यात ठप रहा। ठंड के बीच शंकराचार्य द्वार पर नारेबाजी की गई। आंदोलन की मजबूती के लिए नेपाल के विभिन्न जिलों में मशाल जुलूस निकला और आंखों पर पट्टी बांध कर प्रदर्शन किया गया।

अंतिम धक्का आंदोलन की सफलता के लिए आंदोलनकारियों द्वारा तस्करी पर तत्काल रोक लगाने का प्रयास जारी है। कई स्थानों पर संविधान की प्रतियां जलाई गईं।

जानलेवा हमला : वीरगंज इनरवा पुलिस चौकी के समीप मधेशी मोर्चा कार्यकर्ताओं पर बुधवार की रात तस्करों ने जानलेवा हमला कर दिया। आंदोलनकारियों ने नेपाल प्रशासन पर तस्करों को उकसाने का आरोप लगाया।


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