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जनहित जागरण: अंधेरी बस्तियों में जला रहे ज्ञान का दीपक

समाज में यदि अनगिनत बुराइयां हैं तो उन्हें दूर करने के लिए हजारों हाथ हैं। यह अलग बात है कि कुछ लोग इनसे नजर चुराकर निकल जाते हैं तो कुछ ऐसा करके स्वयं को आइने में नहीं देख पाते। ऐसे ही एक व्यक्तित्व मेरठ के जयदेवी नगर निवासी आरबी सिंह

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 21 Dec 2014 05:04 PM (IST)Updated: Sun, 21 Dec 2014 05:09 PM (IST)
जनहित जागरण: अंधेरी बस्तियों में जला रहे ज्ञान का दीपक

लखनऊ। समाज में यदि अनगिनत बुराइयां हैं तो उन्हें दूर करने के लिए हजारों हाथ हैं। यह अलग बात है कि कुछ लोग इनसे नजर चुराकर निकल जाते हैं तो कुछ ऐसा करके स्वयं को आइने में नहीं देख पाते। ऐसे ही एक व्यक्तित्व मेरठ के जयदेवी नगर निवासी आरबी सिंह हैं। नौकरी से सेवानिवृत्ति के बाद वह आस-पास की बस्तियों में रहने वाले बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने में जुट गए हैं। लगभग साढ़े तीन वर्ष के इस सफर में अकेले दम पर वे कक्षा एक से कक्षा नौ तक के 40 बच्चों में नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं।

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बच्चों से ही मिली प्रेरणा

वर्ष 2006 में कृषि विभाग मुजफ्फरनगर से तकनीकी अधिकारी के पद से सेवानिवृत्ति के बाद आरबी सिंह ने घर मेंं ही नौकरानी के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। धीरे-धीरे मन में शिक्षा से वंचित अन्य बच्चों को तलाशने की प्रेरणा जगी। उन्होंने आस-पास की बस्तियों का दौरा किया। देखा कि कई परिवार ऐसे हैं जिनके बच्चे अभाव में पढऩे नहीं जा रहे थे। उन्होंने एक-एक कर बच्चों व उनके परिजनों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करना शुरू कर दिया। फिर क्या था, बच्चे जुड़ते गए और हौसला बढ़ता गया।

पूरी हुई पढ़ाने की इच्छा

आरबी सिंह का कहना है कि बड़ा बेटा होने के नाते उन पर जिम्मेदारियां अधिक थीं। लेकिन उनके मन में सदा से ही शिक्षक बनने की इच्छा थी। उस जमाने में शिक्षक की आय बहुत कम होने के कारण उन्हें अपनी इच्छा को मन में दबाना पड़ा। पर, पढ़ाने की लालसा कुछ इस कदर उबाल मारती रहीं कि उन्होंने अपने ससुराल के इंटर कालेज में बीच-बीच में पढ़ाने के लिए वालंटियर सर्विस दी। वर्तमान में हर दिन की कक्षा बच्चों को सामाजिक व मूल्यों का ज्ञान देने के साथ शुरू होती है।

दिला रहे योजनाओं का लाभ

बच्चों को शिक्षित करने के साथ ही वे उनके परिजनों को सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी देकर उनका लाभ भी दिला रहे हैं। सफाई के प्रति जागरुक कर बस्तियों में भी सफाई कराई। बहु उपयोगी जन धन योजना के बारे में लोगों को बताकर अब तक करीब तीन सौ लोगों के खाते खुलवा चुके हैं। साथ ही वे अब रसोई गैस को आधार से जोडऩे की योजना के बारे में भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

सेवा के नाम पेंशन

आरबी सिंह इन बच्चों को घर के ही एक कमरे में पढ़ा रहे हैं। परिवार के अन्य सदस्यों ने भी उनके इस अभियान में सदा ही उनका साथ दिया है। इनके पेंशन का 40 से 50 प्रतिशत इन बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर खर्च होता है। वे बच्चों को स्टेशनरी, कापी, कलम और जरूरत पडऩे पर किताब भी मुहैया कराते हैं। वे बच्चों को ङ्क्षहदी, अंग्रेजी व गणित विषय पढ़ा रहे हैं।

रोजगार खत्म अब योगदान की बारी

आरबी सिंह इलाके में वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन, जागृति विहार से जुड़े हुए हैं। उनका कहना है कि समाज में हर वर्ग को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। वे बताते हैं कि उनकी इस पहल के बाद अब एसोसिएशन के और सदस्य भी अपने-अपने क्षेत्र में योगदान देने लगे हैं। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग में ही एडीओ रहे सुखबीर सिंह सेवानिवृत्त होने के बाद गांव-गांव में जाकर लोगों को कृषि से जुड़ी जानकारियां दे रहे हैं। इसी तरह चिकित्सा, इंजीनियङ्क्षरग व अन्य क्षेत्र से जुड़े लोग अपनी सेवाएं देने में जुट हैं।


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