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आइआरसीटीसी की कंसियार्ज योजना लाएगी रंग

रेल बजट में भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) ने कंसियार्ज नाम की योजना शुरू की है। बजट में घोषित योजना लखनऊ में तीन फरवरी से ही शुरू की जा चुकी है। अब आइआरसीटीसी चरणबद्ध तरीके से इसको पूरे देश में लागू करेगा। कंसियार्ज सुविधा के तहत यात्री के

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 26 Feb 2015 08:41 PM (IST)Updated: Thu, 26 Feb 2015 08:50 PM (IST)
आइआरसीटीसी की कंसियार्ज योजना लाएगी रंग

लखनऊ। रेल बजट में भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) ने कंसियार्ज नाम की योजना शुरू की है। बजट में घोषित योजना लखनऊ में तीन फरवरी से ही शुरू की जा चुकी है। अब आइआरसीटीसी चरणबद्ध तरीके से इसको पूरे देश में लागू करेगा। कंसियार्ज सुविधा के तहत यात्री के ट्रेन से उतरते ही पोर्टर उसके नाम की तख्ती लिए स्टेशन पर खड़ा मिलेगा, जो लगेज उठाकर चारपहिया वाहन तक ले जाएगा और फिर चालक यात्री को उसके बताए गए पते पर छोड़ेगा। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए यात्री को आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर लाभ उठाना होगा।

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शुरुआती चरण में यह सुविधा सिर्फ लखनऊ मेल व राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में शुरू की गई है। यात्री गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने से 36 घंटे पहले सुविधा का लाभ ले सकेगा। टिकट बुक कराने के दौरान यात्री को सिर्फ पोर्टर की सुविधा ही नहीं मिलेगी, बल्कि कार की बुकिंग भी करा सकेगा। दिल्ली, हावड़ा के बाद लखनऊ भारतीय रेलवे में तीसरा स्टेशन होगा जहां यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। दूसरे चरण में आइआरसीटीसी लखनऊ जंक्शन से चलने वाली स्वर्ण शताब्दी व पुष्पक एक्सप्रेस में योजना शुरू करने जा रहा है। यही नहीं शुरू में सिर्फ ट्रेन से उतरने के बाद घर छोडऩे की सुविधा होगी, लेकिन यात्रियों की डिमांड को देखकर कंसियार्ज सेवा नाम की सुविधा को विस्तार देते हुए घर से लाने व छोडऩे की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक ऑनलाइन टिकट बुक कराते समय व्हील चेयर भी बुक करा सकेंगे। यह सुविधा एक अप्रैल से मिलने की उम्मीद है।

क्या है कंसियार्ज

कंसियार्ज से तात्पर्य सेवक से है। यात्री को एक छत के नीचे कुली व कार की सुविधा उपलब्ध कराना है।

पोर्टर की कीमत अलग से देनी होगी

पोर्टर अगर चालीस किलो यानी दो बैग कोच से उठाकर कार तक ले जाता है तो सौ रुपये देने होंगे और अस्सी किलो यानी चार बैग के एवज में दो सौ रुपये देने होंगे। कार से उतरने के बाद कार चालक लगेज को उठाकर घर के भीतर करेगा।

कुली ही उठाएंगे बोझ

आइआरसीटीसी पोर्टर यानी कुली से ही स्टेशन पर बोझा उठाएगी। इसके एवज में निगम के कर्मी कुलियों से वार्ता करके उन्हें उनका मेहनताना देंगे। अफसरों ने बताया कि जैसे-जैसे ट्रेनों का विस्तार होता जाएगा उसी अनुपात में कुलियों की सेवाएं ली जाती रहेंगी।

तीन भागों में बंटी सेवा

यात्री के लिए आइआरसीटीसी ने सेवा को तीन जोन में बांटा है। उदाहरण के तौर पर लखनऊ में अगर यात्री इंडिका, सेंट्रो, वैगन आर कार से जोन 'ए' के अंतर्गत आने वाले आलमबाग, अमीनाबाद, राजाजीपुरम व हजरतगंज जाने के लिए चार सौ रुपये, जोन 'बी' के अंतर्गत आने वाले गोमती नगर, महानगर, इंदिरानगर, अलीगंज, चौक, ठाकुरगंज और आशियाना जाने के लिए पांच सौ रुपये और जोन 'सी' के अंतर्गत आने वाले गोमती नगर विस्तार, जानकीपुरम, सरोजनीनगर, पीजीआइ और साउथ सिटी जाने के लिए छह सौ रुपये देने होंगे, जबकि बड़ी कार से तात्पर्य इंडिगो व डिजायर से जाने के लिए जोन 'ए' में पांच सौ, जोन 'बी' में जाने के लिए छह सौ और जोन 'सी' के लिए सात सौ रुपये देने होंगे।


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