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कैबिनेट का फैसला: सैफई में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम

उत्तर प्रदेश की मंत्रिपरिषद ने आज सैफई में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की अनुमानित लागत 260 करोड़ रुपये को अनुमोदित कर दिया गया है। इसकी दर्शक क्षमता 40 हजार होगी। स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बनाया जाएगा और सभी सुविधाओं से युक्त होगा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 10:02 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 10:09 PM (IST)
कैबिनेट का फैसला: सैफई में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की मंत्रिपरिषद ने आज सैफई में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की अनुमानित लागत 260 करोड़ रुपये को अनुमोदित कर दिया गया है। इसकी दर्शक क्षमता 40 हजार होगी। स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बनाया जाएगा और सभी सुविधाओं से युक्त होगा।

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1934 तदर्थ शिक्षकों को पक्की नौकरी

प्रदेश के अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में लंबे समय से पढ़ा रहे तदर्थ और अल्पकालिक शिक्षकों के पक्की नौकरी पाने का रास्ता साफ हो गया है। इनमें सात अगस्त 1993 से लेकर 30 दिसंबर तक की अवधि में नियुक्त किये गए 1408 तदर्थ शिक्षक और सात अगस्त 1993 से 25 जनवरी 1999 तक नियुक्त किये गए 526 अल्पकालिक शिक्षक शामिल हैं। इन शिक्षकों को वर्तमान में स्थायी शिक्षकों के बराबर वेतन-भत्ते मिलते हैं। विनियमित हो जाने पर उन्हें राज्य कर्मचारियों की तरह सुनिश्चित करियर प्रोन्नयन (एसीपी) और पेंशन का लाभ मिल सकेगा।इसके लिए सरकार उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम, 1982 में संशोधन करना चाहती है। अधिनियम में संशोधन के लिए कैबिनेट ने उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (संशोधन) अध्यादेश (2015) के प्रारूप पर मुहर लगा दी है। अध्यादेश को विधानमंडल के मानसून सत्र में विधेयक के रूप में प्रस्तुत करने का निर्णय भी कैबिनेट ने लिया है। प्रस्तावित अध्यादेश के जरिये अधिनियम में संशोधन कर धारा-33(छ) जोडऩे का इरादा है। अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में बड़ी संख्या में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों व प्रवक्ताओं के पद खाली हैं। अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के चयन के लिए जिम्मेदार उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड लंबे समय से अध्यापकों की भर्तियां करने में नाकाम रहा है। माध्यमिक शिक्षा विभाग लंबे समय से तदर्थ व अल्पकालिक शिक्षकों के वेतन पर खर्च कर रहा है। शिक्षक संगठन भी अरसे से इन शिक्षकों के विनियमितीकरण की मांग करते रहे हैं।

मुगल म्यूजियम को मंजूरी

आगरा में ताजमहल पूर्वी गेट रोड पर ताजमहल से लगभग 1300 मीटर की दूरी पर मुगल म्यूजियम की स्थापना के लिए विद्युत विभाग की 11.38 एकड़ भूमि में से 5.9 एकड़ रिक्त भूमि पर्यटन विभाग को नि:शुल्क हस्तांतरित की जाएगा। यह निर्णय मंगलवार को कैबिनेट बैठक में किया गया है। परियोजना के बारे में अग्रेतर आवश्यक निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। म्यूजियम परियोजना के लिए प्रस्तावित निर्माण कार्य के लिए 129.66 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को सैद्धांतिक स्वीकृति भी दी गई है। इसके लिए लिए पर्यटन विभाग के अनुदान में अनुपूरक मांग के जरिए बजट की व्यवस्था की जाएगी। परियोजना के निर्माण कार्य में प्रस्तुत विभिन्न विशिष्टियों को भी अनुमति दी गई है।

परियोजना की संरचना व संचालन के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा जिसमें राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वास्तुविद, म्यूजोलॉजिस्ट, विषय-विशेषज्ञ व इस क्षेत्र में कार्य कर रहे संस्थानों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार मुगल म्यूजियम के लिए आर्टिफेक्ट्स व मुगलकाल से संबंधित वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाएगा। परियोजना के अनुश्रवण व मॉनीटरिंग किए जाने के लिए स्टेट एवं फील्ड स्तर की कमेटी का गठन करने का निर्णय किया गया है। स्टेट स्तर की कमेटी की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे जबकि पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव अथवा सचिव सदस्य सचिव होंगे। इस कमेटी में विशेष आमंत्रित के अलावा वित्त, नियोजन, नगर विकास, आवास, वन, लोक निर्माण, उद्योग तथा संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव तथा आयुक्त आगरा मंडल सदस्य के रूप में शामिल होंगे।

कैबिनेट ने आगरा में ताजमहल के पूर्वी गेट के निकट स्थित शिल्प ग्राम को ध्वस्तीकरण के बाद नए सिरे से ताज ओरिएंटेशन सेंटर, शिल्प ग्राम के निर्माण की परियोजना को भी मंजूरी दे दी। इस योजना के लिए उद्योग विभाग की 11.5 एकड़ भूमि पर्यटन विभाग को नि:शुल्क हस्तांतरित की जाएगी। साथ ही परियोजना के बारे में आगे निर्णय करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। इस परियोजना के निर्माण के लिए बजट की व्यवस्था राज्य सरकार की अवस्थापना निधि से की जाएगी। निर्माण कार्य में प्रस्तावित आवश्यक विशिष्टिों को भी अनुमोदित कर दिया गया है। परियोजना के अनुश्रवण एवं मॉनीटरिंग हेतु स्टेट तथा फील्ड लेवेल कमेटी गठित की जाएंगी। स्टेट लेवेल कमेटी का गठन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में और फील्ड लेवेल कमेटी आयुक्त, आगरा मण्डल की अध्यक्षता में गठित की जाएगी।

फ्लोर मिलों के लिए ओटीएस मंजूर

फ्लोर मिलों व चक्की प्लांट द्वारा आटा, मैदा व सूजी के लिए गेहूं खरीद पर लगने वाले टैक्स के विकल्प के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) लागू की गई है। सैफई में 260 करोड़ की लागत से इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम बनाया जाएगा। फिल्मों 'मसान ' व 'जां निसार ' को मनोरंजन कर से छूट देने का निर्णय किया है। ये निर्णय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में किए गए।

एकमुश्त समाधान योजना लागू होगी

आटा, मैदा, सूजी बनाने वाली फ्लोर मिल व चक्की प्लांट द्वारा वर्ष एक अगस्त, 2015 से 31 मार्च, 2016 तक गेहूं की खरीद पर दिए जाने वाले टैक्स केविकल्प में कतिपय शर्तों के अधीन एकमुश्त समाधान योजना लागू की जाएगी। इसे वर्ष 2007-08 से प्रत्येक वर्ष 18 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए और उत्पादन क्षमता के 120 प्रतिशत के उत्पादन तक सीमित रखते हुए लागू किया जाएगा। अधिष्ठापित क्षमता के 120 प्रतिशत से अधिक पिसाई या उत्पादन के लिए समाधान योजना अनुमन्य नहीं होगी। जिस क्षमता के लिए समाधान योजना अपनाई जाए उसके अनुपात से अधिक गेहूं की खरीद किए जाने पर उससे अधिक की गई खरीद पर नियमानुसार कर व ब्याज का भुगतान करना होगा। चालीस इंच तक की एक रोलर बॉडी की अधिकतम वार्षिक क्षमता 3000 हजार मैट्रिक टन तथा 40 इंच से अधिक एक रोलर बॉडी की अधिकतम वार्षिक क्षमता 3500 मीट्रिक टन निर्धारित है। तीस इंच के तीन चक्की प्लांट अथवा 24 इंच के चार चक्की प्लांट 40 इंच की एक रोलर बॉडी की क्षमता के बराबर होते हैं। इसलिए चक्की प्लांट पर समाधान धनराशि इसी हिसाब व अनुपात में निर्धारित की जाएगी। समाधान राशि एक अप्रैल से समानुपातिक रूप से देय होगी। व्यापारियों द्वारा समाधान प्रार्थना पत्र अपने कर निर्धारक अधिकारी को समानुपातिक रूप से समाधान धनराशि का 5/12 भाग सहित 15 अगस्त तक देना होगा। देरी के लिए अधिनियम के अधीन स्वीकृत कर पर नियमानुसार देय ब्याज व समाधान धनराशि सहित प्रार्थना पत्र 15 सितंबर तक स्वीकार किया जा सकता है। योजना अपनाने वाले व्यापारियों को योजना के अनुरूप गेहूं की खरीद करने पर क्रय कर नहीं देना होगा। रोलर फ्लोर मिल या आटा चक्की की अधिष्ठापित क्षमता की जांच करने के लिए कर निर्धारण अधिकारी स्वतंत्र होंगे और क्षमता को लेकर विवाद की स्थिति में संयुक्त आयुक्त (कार्य पालक) वाणिज्य कर का निर्णय अंतिम होगा। एक बार समाधान योजना का विकल्प अपनाने के बाद इसे वापस नहीं लिया जा सकता है। विवादित बिन्दु पर वाणिज्य कर आयुक्त का निर्णय अंतिम होगा।

'मसान ' व 'जां निसार ' को कर से छूट

हिंदी फिल्म 'मसान ' व 'जां निसार ' को मनोरंजन कर से छूट प्रदान की गई है। यह छूट 'उत्तर प्रदेश आमोद एवं पणकर अधिनियम, 1979 ' की धारा-11(1) के तहत लोकहित और शासनादेशों में निहित व्यवस्थानुसार दी गई है। मसान को वाराणसी में फिल्माया गया है और इस फिल्म ने इस साल के कान्स फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म क्रिटिक तथा ए स्पेशल ज्यूरी प्राइज फॉर प्रॉमिसिंग डेब्यू फिल्मस् अवार्ड जीते हैं। 'जां निसार ' को भी उत्तर प्रदेश में ही फिल्माया गया है। इसके कलाकार, निर्माता व निर्देशक प्रदेश के ही हैं। यह फिल्म सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देती है और अवध की सांस्कृतिक विरासत को चित्रित करते हुए सन् 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को भी दर्शाती है।

जिला पर्यटन प्रोत्साहन परिषद बनेगी

पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रदेश के 36 जिलों गौतमबुद्धनगर, मेरठ, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, फैजाबाद, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, कुशीनगर, वाराणसी, मीरजापुर, सोनभद्र, इलाहाबाद, कौशाम्बी, चित्रकूट, बांदा, महोबा, झांसी, ललितपुर, बरेली, फर्रुखाबाद, पीलीभीत, बाराबंकी, रायबरेली, रामपुर, गाजियाबाद, जौनपुर व गाजीपुर में जिला पर्यटन प्रोत्साहन परिषद का गठन किया जाएगा। परिषद के गठन के संबंध में आवश्यक निर्णय करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पर्यटक प्रोत्साहन परिषद का गठन किया गया है और इसी की तर्ज पर जिला पर्यटन प्रोत्साहन परिषदों का गठन किया जाएगा। जिला पर्यटन प्रोत्साहन परिषद को उपयोगी बनाने के लिए गठित समिति में संबंधित जिलाधिकारी, अध्यक्ष व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, संभागीय वनाधिकारी, नगर आयुक्त, क्षेत्रीय प्रबंधक/ सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक राज्य सड़क परिवहन निगम, जिला सूचना अधिकारी, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, क्षेत्रीय सांस्कृतिक अधिकारी को सदस्य व जिला कोषाधिकारी को कोषाध्यक्ष तथा पर्यटन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी सचिव नामित किए जाएंगे। संबंधित जिले के सांसद, महापौर व अध्यक्ष जिला पंचायत विशेष आमंत्रित के रूप में नामित किए जाएंगे।

खाद्य सुरक्षा नियमावली के लिए सुझाव आमंत्रित

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की धारा-40 में प्रदत्त शक्ति के तहत पूर्व प्रकाशन की शर्त का अनुपालन करते हुए प्रस्तावित 'उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा नियमावली, 2015 को समस्त संबंधित व्यक्तियों के सूचानार्थ व उनके संबंध में आपत्तियां व सुझाव आमंत्रित करने के लिए प्रकाशित किए जाने वाले बिंदुओं को अनुमोदित कर दिया है। प्रस्तावित नियमावली पर आपत्तियां व सुझाव प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद अनुभाग-6 लखनऊ को लिखित रूप में प्रेषित की जा सकती हैं और केवल उन्हीं आपत्तियों और सुझावों पर विचार किया जाएगा जो इस अधिसूचना के गजट में प्रकाशित होने के 30 दिन के भीतर प्राप्त होंगे।

11 प्रकार के वस्त्र खरीदने की अनिवार्यता

सरकारी विभागों व शासकीय नियंत्रण वाले उपक्रम, निगम, प्राधिकरण, परिषदों व स्वायत्तशासी संस्थाओं के लिए 11 प्रकार के वस्त्रों को खरीदने की अनिवार्यता विषयक व्यवस्था आगामी 31 मार्च तक बढ़ा दी गई है। इनकी खरीद राज्य हथकरघा निगम, यूपिका, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा वित्त पोषित एवं प्रमाणित संस्थाओं जैसे श्री गांधी आश्रम तथा हस्त शिल्प विकास एवं विपणन निगम के माध्यम से किया जाएगा।

बनेगा एक और कोआर्डिनेशन सेंटर

डायल-100 की सुविधा को और प्रभावी बनाने के लिए राजधानी लखनऊ में प्रदेश स्तरीय केंद्रीय कोआर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। इसके लिए राजकीय निर्माण निगम को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है और आवश्यक निर्माण के लिए आवश्यक विशिष्टियों को भी अनुमोदित कर दिया गया है। सेंटर की स्थापना के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण से 134.16 करोड़ रुपये की लागत से आठ एकड़ भूमि खरीदने को भी मंजूरी दी गई है। प्रस्तावित भवन पर लगभग 67.4831 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है।


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