Move to Jagran APP

आठ माह से हम भूखे हैं, हमें खाना दो

उच्‍च न्‍यायालय के ऐतिहासिक फैसले को लेकर जहां पूरा प्रदेश प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की आशा कर रहा है वहीं गाजीपुर जिलाधिकारी कार्यालय से मात्र दो सौ मीटर की दूरी पर नगर के तीन जूनियर व प्राथमिक विद्यालयों में आठ महीने से एमडीएम नहीं बन रहा है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2015 04:39 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2015 04:42 PM (IST)
आठ माह से हम भूखे हैं, हमें खाना दो

लखनऊ। उच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले को लेकर जहां पूरा प्रदेश प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की आशा कर रहा है वहीं गाजीपुर जिलाधिकारी कार्यालय से मात्र दो सौ मीटर की दूरी पर नगर के तीन जूनियर व प्राथमिक विद्यालयों में आठ महीने से एमडीएम नहीं बन रहा है। इसके विरोध में एक ही परिसर में संचालित दो विद्यालयों के बच्चों के साथ शनिवार को सामाजिक कार्यकर्ता सत्याग्रह पर बैठ गए। बच्चों ने हाथ में थाली लेकर प्रदर्शन किया। कहा कि आठ माह से हम भूखे हैं। हम लोगों को भोजन दिया जाए।

loksabha election banner

सामाजिक कार्यकर्ता ब्रजभूषण दुबे व डा. अविनाश सिंह गौतम पूर्व माध्यमिक विद्यालय गोराबाजार पहुंचे। वहां मार्च से ही मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा था। २६ के स्थान पर मात्र तीन बच्चे उपथित थे। प्रधानाध्यापक ने बताया कि आज काली मां की पूजा के वजह से बच्चे नहीं आए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता तीनो बच्चों के साथ आधा घंटा सत्याग्रह किए। इसके बाद वे प्राथमिक विद्यालय नवापुरा प्रथम व द्वितीय पर पहुंचे। वहां ८ माह से दोनो विद्यालयों में मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा था। दोनों विद्यालयों में ६६ बच्चे पंजीकृत हैं। एक ही परिसर में संचालित दोनों विदयालयों के बच्चों के साथ सामाजिक कार्यकर्ता सत्याग्रह पर बैठ गए। इसकी सूचना मोबाइल से मैसेज कर जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, एसडीएम सदर व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया गया। सभी बच्चों के लिए लाई नमकीन मंगाकर उन्हें खिलाया गया। साथ ही सोमवार से नियमित सुबह ९ से १० बजे तक सत्याग्रह करने की चेतावनी दी गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.