खराब 'आला' से कैसे हो मरीजों का भला
लखनऊ (संदीप पांडेय)। सूबे की राजधानी लखनऊ के लोगों को प्राथमिक उपचार मुहैया कराने के मक
लखनऊ (संदीप पांडेय)। सूबे की राजधानी लखनऊ के लोगों को प्राथमिक उपचार मुहैया कराने के मकसद से मलिन बस्तियों में खुले हेल्थ पोस्ट सेंटरों को ही 'इमरजेंसी ट्रीटमेंट' की जरूरत है। यहा सामान्य जाच तक के साधन उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे में बेहतर चिकित्सकीय सेवाओं की कल्पना करना बेमानी है। थर्मामीटर व बीपी मशीन की तंगी से जूझ रहे केंद्रों पर आला भी नहीं हैं, जहा हैं भी वहा खराब पड़े हैं।
स्टेथोस्कोप न होने से चिकित्सकों के सामने को मरीजों में हृदय और सास संबंधी समस्या दूर करने में अड़चन आ रही है।
यहा सबसे बदतर हालत
आजादनगर हेल्थ पोस्ट सेंटर वर्ष 2006 में खुला था, लेकिन यहां पर भी समस्याओं का अंबार है। कनेक्शन कटने से छह माह से बिजली नहीं आ रही है। यहां कमरों में अंधेरा होने से ओपीडी भवन के बरामदे में चलाई जा रही है। कुर्सी टूटी होने की वजह से डॉक्टर, स्टाफ नर्स मरीजों की बेंच पर बैठने को मजबूर हैं। यही नहीं, एक ही टेबल है, उसी पर दवा रखी गई है। यहां एएनएम को टीकाकरण के दौरान वैक्सीन भी जमीन पर रखकर काम चलाना पड़ रहा है। पंजीकरण पर्चा, और दस्ताने भी नहीं हैं। इसके अलावा वर्षो पहले दिया गया स्टेथोस्कोप का ड्रम महीनों से खराब है। लिहाजा सास, हृदय व आत क्त्रिया (लंग्स क्लियर, हार्ट मरमर व जीआइटी) संबंधी बीमारी का आकलन कर पाना भी चिकित्सकों के लिए चुनौती बना हुआ है। यही नहीं केंद्र पर थर्मामीटर व बीपी मशीन भी मौजूद नहीं थी।
दवाएं तक नहीं
किराए के भवन में खुले किला मोहम्मदी हेल्थ पोस्ट सेंटर पर बीपी मशीन काफी दिनों से खराब है। यहा दवाओं का भी संकट है। पाच वर्ष के कम आयु के बच्चों की दी जाने वाली पैरासिटामॉल सीरप दो हफ्ते से नहीं है। मजबूरन बुखार पीड़ित बच्चों को पैरासिटामॉल टेबलेट देकर काम चलाया जा रहा है। यहा दस्ताने व ब्वॉयलर भी नहीं है।
जल्द ही होगा समस्याओं का निदान
मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ डॉ. एसएनएस यादव ने कहा कि मैंने हेल्थ पोस्ट सेंटर के प्रभारियों से आवश्यक सामग्री व उपकरणों की सूची मागी है। जल्द ही समस्याओं का निदान हो जाएगा।