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हाई कोर्ट का जेबीटी की नियुक्ति से रोक हटाने से इनकार

हरियाणा में नियुक्ति का इंतजार कर रहे 9455 जेबीटी शिक्षकों को और इंतजार करना पड़ सका है। शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार की नियुक्ति देने पर लगी रोक को तुरंत हटाने से इंकार कर दिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2015 07:19 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 10:53 AM (IST)
हाई कोर्ट का जेबीटी की नियुक्ति से रोक हटाने से इनकार

जागरण सवांददाता चंडीगढ़। हरियाणा में नियुक्ति का इंतजार कर रहे 9455 जेबीटी शिक्षकों को और इंतजार करना पड़ सका है। शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार की नियुक्ति देने पर लगी रोक को तुरंत हटाने से इंकार कर दिया।

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जबतक सच और झूठ का पता नहीं चल जाता नहीं देंगे नियुक्तियों को हरी झंडी : हाईकोर्ट

हरियाणा सरकार ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से अपील की थी कि रिपोर्ट आने में समय लग रहा है और सरकार जल्द इस नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करना चाहती है। ऐसे में हाईकोर्ट हरियाणा सरकार को अनुमति दे कि वे इस प्रक्रिया को आरंभ कर सके, कोर्ट के आदेशों के अनुरूप ही नियुक्ति दी जाएगी। हाईकोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की इजाजत देने से भी इंकार कर दिया।

सीएफएसएल निदेशक की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल

शुक्रवार को सुनवाई आरंभ होते ही याचिकाकर्ता के वकील ने सीएफएसएल रिपोर्ट पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि रिपोर्ट में कई जगह पर विरोधाभास हैं। इस पर पीठ ने सीएफएसएल चंडीगढ़ के उपनिदेशक एम भास्कर व अन्य तकनीकीशियन को तलब किया। पीठ ने केंद्र सरकार के सहायक सालिस्टर जनरल चेतन मित्तल को भी कोर्ट में बुलाया।

पीठ ने सीएफएसएल निदेशक से उनकी रिपोर्ट के बारे में पूछा। रिपोर्ट में खामियां होने की बात कहते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि आखिर क्यों आदेशों के अनुरूप इस रिपोर्ट को तैयार क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसे केवल एक सवाल का जवाब चाहिए कि जो हलफनामा कंप्यूटर प्रोग्रामर ने सौंपा था क्या वह सही था और क्या जो तकनीकी गलती बताई गई थी वह संभव है।

याची पक्ष की ओर से इस मामले में सौंपी गई रिपोर्ट पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा गया कि कई मुद्दों पर यह रिपोर्ट खामोश है। साथ ही इस रिपोर्ट में कई बातों को गोलमोल किया गया है। हाईकोर्ट ने सीएफएसएल के उपनिदेशक एम भास्कर से पूछा कि क्या उन्होंने सभी हार्ड डिस्क की जांच की है।

उपनिदेश्ाक ने बताया कि सात हार्ड डिस्क जांच के लिए दी गई थी और इनमें से पांच में वह साफ्टवेयर ही नहीं मिला जिसमें परिणाम तैयार किया गया था। दो सिस्टम को वह खोलने में वे नाकाम रहे। वहीं बैकअप फाईल को भी सीएफएसएल टीम नहीं खोल पाई। हाई कोर्ट ने इसपर कहा कि सीएफएसएल.को जो संसाधन चाहिए वे राज्य सरकार मुहैया करवाए, उन्हें जो करना है वे करें लेकिन इस बारे में निश्चित रिपोर्ट सामने आनी चाहिए।

सीएफएसएल टीम ने कहा कि अगर वह दो सिस्टम को खोलने का प्रयास करती तो सिस्टम डेमेज होने का खतरा था। इस पर बैंच ने सीएफएसएल को को कहा कि उसने यह बात अपनी बात रिपोर्ट में क्यों नही लिखी। बैंच ने रिपोर्ट में कई खामियों पर असंतोष जताते हुए निदेशक को कहा कि वह कोर्ट के आदेश के अनुरूप मंगलवार तक जांच रिपोर्ट कोर्ट में दे। बेंच ने यह स्पष्ट कर दिया कि वो रिपोर्ट कोर्ट के आदेश के अनुसार ही दे भविष्य में अगर इस मामले जांच सीबीआई करती है तो उनको किसी तरह की समस्या न हो।


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