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पानीपत से जुड़े हवाला कारोबार के तार, सीबीआई का छापा

दिल्ली के अशोक विहार स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा से हवाला के 5151 करोड़ रुपये हांगकांग भेजने के मामले के तार पानीपत से भी जुड़ गए हैं। सीबीआइ की टीम ने यहां छापा मारा। दिल्ली में एचडीएफसी में मैनेजर बताए जा रहे कमल कालरा के घर को खंगाला।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2015 01:58 PM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2015 02:14 PM (IST)
पानीपत से जुड़े हवाला कारोबार के तार, सीबीआई का छापा

पानीपत, [विजय गाहल्याण]। दिल्ली के अशोक विहार स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा से हवाला के 5151 करोड़ रुपये हांगकांग भेजने के मामले के तार पानीपत से भी जुड़ गए हैं। सीबीआइ के पांच अफसरों की टीम ने यहां छापा मारा। दिल्ली में एचडीएफसी में मैनेजर बताए जा रहे कमल कालरा के मकान को सवा पांच घंटे तक खंगाला और वहां से दस्तावेज को साथ ले गई।

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एक दर्जन फर्जी कंपनियों के खाते खुलवाने के आरोपी के घर पर सीबीआइ का छापा

बैंक ऑफ बड़ौदा में 12 फर्जी कंपनियों का एकाउंट खोलने का आरोपी कमल कालरा यहां माडल टाउन में रहता है। उसने अपने पिता मोहन कालरा के नाम से भी फर्जी कंपनी का खाता खुलवा रखा है। सूत्रों के अनुसार सीबीआइ द्वारा जब्त दस्तावेजों में कई ऐसे खाते व संपत्ति हो सकती हैं जिनसे करोड़ों रुपये के खेल का भंडाफोड़ होने की संभावना है। इस खेल में पानीपत के भी कई उद्यमियों के भी खाते हो सकते हैं।

सीबीआइ के छापे से घर में सन्नाटा

सीबीआइ की टीम दो बजे कमल कालरा के घर पहुंची। दिल्ली नंबर की इनोवा गाड़ी साइड में खड़ी की। पड़ोसी को भी इसकी भनक नहीं लगने दी गई। टीम ने घर में सभी के मोबाइल फोन बंद करवा दिए। किसी को बाहर नहीं आने दिया गया और न ही किसी से बात करने दी गई। घर का कोना-कोना खंगाल डाला। टीम दस्तावेज का सील करके 7.15 बजे निकल गई। कमल कालरा के पिता मोहनलाल और मां कांता दिल्ली गए हुए हैं।

पड़ोसी भी सन्न

कमल कालरा के हवाला कारोबार से जुडऩे की बात का किसी भी पड़ोसी को यकीन नहीं हो रहा था। हर कोई कोई कह रहा था कि कमल बड़ा ही नेक है। वह बड़ों का सम्मान करता है। वह ऐसा काम कर सकता है इसका उन्हें यकीन नहीं हो रहा है।

घाटे की वजह से पिता की फैक्टरी हो गई थी बंद

जानकारी के अनुसार कमल कालरा के पिता मोहन लाल कालरा की काबड़ी रोड पर कई लोगों के साझे में स्पिनिंग मिल थी। घाटे की वजह से मिल बंद हो गई। कमला का बड़ा भाई दीपक कालरा और छोटा मनोज कालरा उससे अलग रहते हैं। इसी मकान के एक हिस्से में चाचा श्याम कालरा, हरीश कालरा और चाची दया रहती हैं। वे सभी कमल से अलग रहते हैं।

एक साल से कमल की आवाजाही बढ़ गई थी

कमला कालरा पहले पानीपत के एक बैंक में काम करता था। इसके बाद वह दिल्ली चला गया था और एचडीएफसी बैंक में काम करता था। वह दिल्ली के अशोक विहार में रहता है। सूत्रों का कहना है कि एक साल से ही कमल कालरा की मॉडल टाउन के घर में आवाजाही ज्यादा बढ़ गई थी। वह अपने पिता मोहन लाल और मां कांता से शनिवार व रविवार को मिलने आता था।

काजू व बादाम की खरीद के लिए भी बनाई कंपनी

सूत्रों के अनुसार कालरा ने फर्जी कंपनी का एकाउंट खुलवा रखा है। इसके जरिये हांगकांग से काजू व बादाम का आयात करवाना था। इसकी एवज में हवाला के करोड़ों रुपये भेज गए। इसकी सच्चाई का पता लगाने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जुटा हुआ है।


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