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आइएएस अनुराग की रहस्यमय मौत के मामले में दर्ज हुई हत्या की रिपोर्ट

लखनऊ के हजरतगंज में अनुराग तिवारी के भाई की तहरीर पर हत्या का मामला दर्ज किया गया। इस मामले में धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 22 May 2017 01:16 PM (IST)Updated: Mon, 22 May 2017 06:01 PM (IST)
आइएएस अनुराग की रहस्यमय मौत के मामले में दर्ज हुई हत्या की रिपोर्ट
आइएएस अनुराग की रहस्यमय मौत के मामले में दर्ज हुई हत्या की रिपोर्ट

लखनऊ (जेएनएन)। कर्नाटक कॉडर के उत्तर प्रदेश निवासी दिवंगत आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की रहस्यमय मौत के मामले में हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है। एसआइटी टीम के 72 घंटे बाद भी खाली रहने के बाद आज अनुराग तिवारी के भाई मयंक ने एसएसपी दीपक कुमार को तहरीर दी। जिसके बाद एसएसपी के आदेश पर लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में हत्या का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है। वहीं इस मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम भी आज अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

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अनुराग तिवारी के परिवार के लोग आज बहराइच से लखनऊ पहुंचे। सबसे पहले यह सभी स्टेट गेस्ट हाउस, मीराबाई मार्ग गए। उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके कार्यालय, लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में भेंट की। सीएम योगी से निष्पक्ष जांच का आश्वासन मिलने के बाद अनुराग के परिवार के लोग लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार से मिले। एसएसपी ने उनके अनुरोध पर दिवंगत आइएएस अनुराग तिवारी की रहस्यमयी मौत के मामले में हत्या का मामला दर्ज कराया। 

देखें तस्वीरें : दिवंगत अनुराग के परिवारीजन पहुंचे लखनऊ

लखनऊ के हजरतगंज में अनुराग तिवारी के भाई की तहरीर पर हत्या का मामला दर्ज किया गया। इस मामले में धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया। अनुराग के घर के लोगों का आरोप है कि उनके ऊपर कर्नाटक में बड़ा घोटाला न खोलने का बड़ा दबाव बनाया जा रहा था। कर्नाटक के भ्रष्टाचार के अनुराग तिवारी उठाना चाह रहे थे। अनुराग तिवारी के 10 वर्ष में उनके 7 या 8 बार तबादले हुए। वह अपने भाई को बताया करते थे कि किसी प्रकरण में जांच को लेकर उनके ऊपर दबाव है। आला कमान किसी पेपर पर हस्ताक्षर करने का प्रेशर डाल रहे थे।

अज्ञात व्यक्ति उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी भी दे चुके थे। इसका उन्होंने कई बार अपने भाई मयंक तिवारी से जिक्र किया था। आईएएस की मौत के मामले में यही बातें लिखकर सोमवार दोपहर मृतक के भाई मयंक तिवारी ने पुलिस को तहरीर दी कि इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया जाये।

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आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की जांच करते हुए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) की टीम को 72 घंटे भी पूरे हो गए। इसके बाद भी मामला जस का तस है। टीम किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। इस टीम ने 72 घंटे में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने का आश्वासन दिया था। 

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क्या है पूरा घटनाक्रम

कर्नाटक कॉडर के आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी पीएस सिंह के साथ उनके 19 नंबर कमरे में मीराबाई मार्ग गेस्ट हॉउस में रुके थे।

बीते बुधवार सुबह करीब 6:30 बजे उनका शव मीराबाई मार्ग पर स्टेट गेस्ट हाऊस के निकट लगे ट्रांसफार्मर के सामने सड़क किनारे औंधे मुंह पड़ा मिला। राहगीरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को उनकी तलाशी के दौरान जेब से पर्स और पैसे मिले हैं। पुलिस ने जेब से मिले आईकार्ड के आधार पर उनकी शिनाख्त की।

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प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो मृतक अधिकारी के मुंह और सिर पर चोट के निशान थे। आईएएस अधिकारी का शव मिलने की सूचना मिलते ही आईजी रेंज लखनऊ जय नारायण सिंह, एसएसपी दीपक कुमार सहित कई आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।

एसएसपी ने बताया प्रारंभिक पड़ताल में यह सामने आया है कि उन्होंने मंगलवार की रात करीब 11 बजे अपने साथियों के साथ खाना खाया। आशंका है कि वह मॉर्निंग वॉक पर निकले होंगे और उनकी सड़क पर गिरने से मौत हो गई थी। पूछताछ में पता चला है कि वह मंसूरी में ट्रेनिंग लेने के बाद दो दिन पहले लखनऊ आये थे। फिलहाल मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है।


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