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DU : कभी भी सांसत में डाल सकता है फर्जी दाखिला

दिल्ली विश्वविद्यालय में साल दर साल नए कीर्तिमान स्थापित करती कटऑफ और उसके चलते दाखिले के लिए दलालों की चपेट में विद्यार्थियों के आने के मामले आम हो चले हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2015 12:07 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2015 04:28 PM (IST)
DU : कभी भी सांसत में डाल सकता है फर्जी दाखिला

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो । दिल्ली विश्वविद्यालय में साल दर साल नए कीर्तिमान स्थापित करती कटऑफ और उसके चलते दाखिले के लिए दलालों की चपेट में विद्यार्थियों के आने के मामले आम हो चले हैं।

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दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा बृहस्पतिवार फर्जी तरीके से दाखिला कराने के एक मामले के खुलासे के बाद विश्वविद्यालय के डीन छात्र कल्याण प्रो.जेएम खुराना ने स्पष्ट किया है कि फर्जी तरीके से लिया गया कोई भी दाखिला आपको मुश्किल में डाल सकता है।

ऐसा नहीं है कि दाखिले के समय आप बच गए तो आपका फर्जीवाड़ा मान्य हो गया। विश्वविद्यालय में होने वाले हर दाखिले की बारीकी से जांच होती है और ऐसे में कई उदाहरण है जिसमें दो-दो साल बाद भी दाखिले रद्द किए गए है।

एक कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि उनके पास ऐसी कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है, जिसकी मदद से वो दाखिले के समय विद्यार्थी व उसके अभिभावकों द्वारा पेश किए जा रहे प्रमाणपत्रों की जांच कर सके।

ऐसे में प्रारम्भिक तौर पर माक्र्सशीट आदि की जांच कर विद्यार्थियों को दाखिला दे दिया जाता है, लेकिन बाद में इन दाखिलों से जुड़े विभिन्न दस्तावेजों की संबंधित संस्था के माध्यम से जांच कराई जाती है।

यदि कोई गड़बड़ी सामने आती है तो ऐसे दाखिलों को रद किया जाता है। बीते सालों में ऐसे कई मामले डीयू के विभिन्न कॉलेजों में सामने आए है, फिर वो कैम्पस कॉलेज हो या फिर ऑफ कैम्पस कॉलेज।

इस बाबत जब डीन छात्र कल्याण प्रो.जेएम खुराना से पूछा गया तो उनका कहना था कि डीयू में सभी दाखिले प्रोविजनल आधार पर होते है और कॉलेज दाखिला प्रक्रिया पूरी करने के बाद अपने स्तर पर विद्यार्थियों द्वारा पेश दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया पूरी करते हैं।

उन्होंने कहा कि अक्सर जाति प्रमाणपत्र के मामलों में संबंधित संस्थाओं की समय पर जवाब नहीं मिलता है और ऐसे में इस प्रक्रिया में कभी-कभी एक से दो साल का समय भी लग जाता है।

इस जांच में यदि दस्तावेज सही पाये गए तो ठीक अन्यथा दाखिला रद कर दिया जाता है। प्रो. खुराना ने बताया कि ऐसे अनेकों उदाहरण उपलब्ध है, जिनमें कॉलेजों के स्तर पर फर्जी दस्तावेजों के चलते दाखिले रद किए गए है।

इतना ही नहीं नियमों के अनुसार यदि डिग्री प्राप्त करने के बाद भी यदि विद्यार्थी के द्वारा किया गया फर्जीवाड़ा साबित हो जाता है तो उस डिग्री को भी रद्द कर दिया जाता है।

पुलिस की जांच में सामने आई फर्जी दाखिलों की सूची

कॉलेज दाखिले की संख्या

हिंदू कॉलेज 01
किरोड़ीमल कॉलेज 01
अरबिंदो (सांध्य) 03
दयाल सिंह कॉलेज(सांध्य) 02
दयाल सिंह कॉलेज (सुबह) 01
रामलाल आनंद 02
डीएवी 01
भगत सिंह कॉलेज 10
कमला नेहरू कॉलेज 01


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