हनीमून पर पत्नी ने कहा था छूना मत वरना... नौ साल बाद कोर्ट में खुला राज
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा है कि जीवन साथी द्वारा बगैर पर्याप्त कारण के यौन संबंध बनाने से लंबे समय तक इनकार मानसिक यातना के बराबर है। ...और पढ़ें

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा है कि जीवन साथी द्वारा बगैर पर्याप्त कारण के यौन संबंध बनाने से लंबे समय तक इनकार मानसिक यातना के बराबर है और यह तलाक का आधार हो सकता है।
नौ साल पूर्व हुए विवाह को समाप्त करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजग और प्रतिभा रानी ने इस आधार पर एक व्यक्ति को तलाक की अनुमति दे दी।
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सुनवाई के दौरान पति ने कोर्ट को बताया कि उसका पत्नी से शादी के बाद से शारीरिक संबंध नहीं बना है और उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ ऑफिस जाकर झूठी शिकायत दर्ज की थी, जिससे इसकी नौकरी चली गई।
कोर्ट ने परिवार न्यायालय के एक अप्रैल के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें उसने शादी को शारीरिक संबंध विहीन पाते हुए विवाह को रद कर दिया था। वह महिला इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची थी, लेकिन कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी।
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46 वर्षीय पति के मुताबिक, वर्ष 2007 के नवंबर में उसकी शादी हुई थी। पत्नी ने चिकित्सकीय समस्या बताकर शारीरिक संबंध बनाने से इनकार कर दिया था। अगले साल जनवरी में वे दोनों हनीमून के लिए शिमला गए थे, लेकिन वहां भी पत्नी ने कहा कि छूने की कोशिश करने पर वह बालकनी से नीचे कूद कर जान दे देगी।
इसके बाद दोनों दिल्ली लौट आए थे। पति ने अदालत को यह भी कहा था कि इससे पहले शादी होने की बात और पहली पत्नी से एक बच्ची होने की बात उसके पति ने छुपा ली थी।

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