केजरीवाल से 'आप' संयोजक पद से हटने की मांग
दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत मिलने के बाद भी आम आदमी पार्टी की अंदरूनी कलह खत्म होती नजर नहीं आ रही। कलह का कारण वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर मुख्यमंत्री एवं पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल हैं।
लखनऊ। दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत मिलने के बाद भी आम आदमी पार्टी की अंदरूनी कलह खत्म होती नजर नहीं आ रही। कलह का कारण वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर मुख्यमंत्री एवं पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल हैं।
पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व कानून मंत्री शांतिभूषण ने इलाहाबाद में आज अरविंद केजरीवाल से संयोजक पद छोडऩे की मांग की है। व्यक्तिगत कार्य से इलाहाबाद पधारे शांतिभूषण ने कहा कि पार्टी में कोई भी व्यक्ति दो पद पर नहीं रह सकता है। अरविंद दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए हैं, ऐसे में संयोजक का पद योगेंद्र यादव को मिलना चाहिए। इस पद के लिए वही सबसे उपयुक्त नेता हैं। दिल्ली में मिली जीत को उन्होंने जनता से छलावा करने के समान बताया। शांति भूषण ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मायावती व मुलायम सिंह की तर्ज पर चुनाव लड़ा। जीत हासिल करने के लिए उन्होंने तानाशाही रवैया अपनाते हुए 'आपÓ का संविधान ताक पर रख दिया। उन्होंने दिल्ली का चुनाव जीतने के लिए मुफ्त पानी, बिजली का बिल कम करने जैसे कई अनाप-शनाप वादे किए गए। साथ ही 20 से 22 गलत छवि वाले नेताओं को टिकट दिया। यहां तक कि पार्टी के लोकपाल एडमिरल रामदास पर उनका टिकट न काटने का दबाव बनाया गया।
योगेंद्र की हो रही उपेक्षा
शांतिभूषण ने कहा कि आप में कई गलत लोगों का प्रवेश हो गया है। वह अरविंद केजरीवाल के इशारे पर नाच रहे हैं। पार्टी को खड़ा करने वाले योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण जैसे नेताओं को किनारे किया जा रहा है। शाजिया इल्मी जैसे कई नेताओं को पहले ही बाहर कर दिया गया।
देशव्यापी हो 'आप' का स्वरूप
अरविंद केजरीवाल से दिल्ली से बाहर चुनाव न लडऩे के फैसले का विरोध किया गया। शांति भूषण ने कहा कि हमने सत्ता में आने के लिए पार्टी नहीं बनाई, यह जनांदोलन है, जिसका मकसद सामाजिक व राजनीति सुचिता की कल्पना थी। दिल्ली के बाहर चुनाव न लडऩे से हम अपनी मुहिम को कैसे आगे बढ़ेंगे। पार्टी अरविंद को मुख्यमंत्री बनाने के लिए थोड़े बनी है। 'आप' का फैलाव देशव्यापी होना चाहिए। मैंने 25 फरवरी को इसके लिए हर वरिष्ठ नेता को ई-मेल भी भेजा है।
मोदी की नीयत साफ
केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ करते हुए शांतिभूषण ने कहा कि उनकी नीयत साफ है। अभी तक कोई बड़ा घोटाला सामने नहीं आया। मोदी तकनीक के जरिए देश का विकास करना चाहते हैं जो अच्छी बात है, परंतु भू-अधिग्रहण बिल में बदलाव करना चाहिए, क्योंकि यह किसानों के हित में नहीं है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी की सरकार का स्वागत किया, कहा कि इससे वहां के लोगों का विश्वास जीता जा सकता है, बीजेपी ने धारा 370 जैसा मुद्दा छोड़कर विकास की राह पकड़कर अच्छा काम किया है।