मनरेगा राशि की सीधे मॉनीटरिंग करेगा केंद्र
मनरेगा के पैसे को खर्च करने में बिहार जैसे गरीब राज्यों में आ रही दिक्कतों को देखते हुए केंद्र सरकार 1 मार्च से एक नई व्यवस्था शुरू करने जा रही है।
पटना ( सुभाष पांडेय)। मनरेगा के पैसे को खर्च करने में बिहार जैसे गरीब राज्यों में आ रही दिक्कतों को देखते हुए केंद्र सरकार 1 मार्च से एक नई व्यवस्था शुरू करने जा रही है। राज्यों को ट्रेजरी में पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम बनाने को कहा गया है ताकि मनरेगा का पैसा भारत सरकार के संचित कोष से सीधे स्टेट इंप्लायमेंट गारंटी फंड में जमा हो जाए। 1मनरेगा के पैसे को लेकर केंद्र और बिहार सरकार में लम्बे समय से सिर फुटौव्वल चल रहा है।
बिहार सरकार का आरोप है कि केंद्र मनरेगा का उसके हिस्से का 1335 करोड़ रुपये नहीं दे रहा है। बिहार का आरोप है कि पिछले साल दिसंबर में मनरेगा में मजदूरों के भुगतान के लिए 918 करोड़ का प्रस्ताव दिया गया था पर जनवरी 2014 में केंद्र ने 585 करोड़ की स्वीकृति दी। इसमें भी अभी तक 175 करोड़ रुपये ही दिए गए हैं। बिहार का दावा है कि नवंबर तक उसे केंद्र से इस मद में कुल 1582 करोड़ मिलना था पर मिला है सिर्फ 769 करोड़।
उधर केंद्र का आरोप है कि बिहार जैसे प्रदेश केंद्र सरकार से मनरेगा में दी जाने वाली राशि को समय पर एजेंसियों को रिलीज ही नहीं कर रहे हैं। जिससे योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। इसी वजह से केंद्र 1 मार्च से पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है ताकि यह पैसा सीधे स्टेट इंप्लायमेंट गारंटी फंड के खाते में पहुंच जाए। ग्रामीण विकास मंत्रलय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार मनरेगा का पैसा वह एकमुश्त राज्यों को नहीं जारी करता है।
किश्तों में राशि जारी करने की व्यवस्था है। लेकिन बिहार जैसे राज्य जिनकी माली हालत अच्छी नहीं है। इस पैसे को कुछ दिनों के लिए अन्य मदों में खर्च कर दे रहे हैं। इससे राज्यों की संचित निधि से एजेंसी, स्टेट इंप्लायमेंट गांरटी फंड तक पैसा पहुंचने में अनावश्यक विलंब हो रहा है। विलंब से एजेंसियों को पैसा मिलने के कारण समय पर राशि खर्च नहीं हो रही है।