छुपा रुस्तम : हाथी के दम के आगे कई होंगे बेदम
बिहार के चुनावी जंग में 'हाथी' के दम के आगे कई पार्टियों के उम्मीदवार बेदम होते नजर आ रहे हैं। खासकर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती की बांका, औरंगाबाद की रैलियों में जिस तरह से भीड़ रही, उससे दूसरे दलों के उम्मीदवारों के माथे पर बल पड़ गया है।
पटना। बिहार के चुनावी जंग में 'हाथी' के दम के आगे कई पार्टियों के उम्मीदवार बेदम होते नजर आ रहे हैं। खासकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती की बांका और औरंगाबाद की रैलियों में जिस तरह से भीड़ रही, उससे दूसरों दलों के उम्मीदवारों के माथे पर बल पड़ गया है। मायावती राज्य भर में ऐसी दस और रैलियां 11 से 27 अक्टूबर तक करेंगी।
प्रदेश के चुनावी रेस में अकेले दम पर 'हाथी' छोड़ चुकी बसपा बहुत बड़ा वोट बैंक तो नहीं रखती लेकिन इस बार के दिलचस्प होते मुकाबले में बसपा छुपे रुस्तम की तरह कुछ सीटें भी जीत सकती हैं। मायावती ने आज के अपने भाषण में विरोधी दलों को साफ-साफ चेताया कि अकेले चुनाव में खड़ी बसपा को कोई हल्के में नहीं ले। बसपा के बिहार प्रभारी तिलकचंद राजभर ने बताया कि मायावती जी बिहार में और दस रैलियां आयोजित की जाएंगी। इसके लिए कार्यक्रम की तिथियां तय की जा चुकी हैं।
प्रदेश की सभी 243 सीटों में से 211 सीट पर बसपा ने उम्मीदवारों के नाम जारी किया है। प्रदेश अध्यक्ष भरत बिंद ने बताया कि शेष 32 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा जल्द कर दी जाएगी। सूबे में बसपा की भूमिका अब तक वोटकटवा की ही मानी जाती रही है। बीते कुछ लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बसपा को मिले मतों से आंकें तो इस बार के विधानसभा चुनाव में बसपा न सिर्फ बहुतों का खेल बिगाड़ेगी, बल्कि छुपे रुस्तम की तरह कुछ सीटें भी जीत सकती हैं।
मायावती के चुनाव प्रचार से उत्तर प्रदेश के सटे करीब चार दर्जन सीटों पर बसपा उम्मीदवारों का दबदबा दिख सकता है क्योंकि उन सीटों पर पहले भी बसपा का प्रभाव दिख चुका है। इससे बसपा के उम्मीदवारों को जो वोट हासिल होगा वह अन्य सभी दलों के उम्मीदवारों के जीत-हार का अंतर को प्रभावित करेगा।
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मायावती का चुनावी दौरा-
* 11 अक्टूबर-चैनपुर और रामगढ़
* 13 अक्टूबर-करगहर एवं भभुआ
* 23 अक्टूबर-बगहा तथा गोपालगंज
* 25 अक्टूबर-बख्तियारपुर एवं बक्सर
* 27 अक्टूबर-मधुबन और बरुराज
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