आजम ने की राज्यपाल नाईक को बर्खास्त करने की मांग
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री तथा समाजवादी पार्टी के फायर ब्रांड नेता आजम खां की प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से तल्खी बढ़ती ही जा रही है। मंत्री आजम खां के तेवरों से लग रहा है कि वह राज्यपाल राम नाईक से छिड़े विवाद में पीछे नहीं हटेंगे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री तथा समाजवादी पार्टी के फायर ब्रांड नेता आजम खां की प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से तल्खी बढ़ती ही जा रही है। मंत्री आजम खां के तेवरों से लग रहा है कि वह राज्यपाल राम नाईक से छिड़े विवाद में पीछे नहीं हटेंगे।
बरेली में कल उन्होंने राज्यपाल रामनाईक के प्रति बेहद तल्ख तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल जिस तरह काम कर रहे और बोल रहे हैं, उस पर राष्ट्रपति को संज्ञान लेना चाहिए। राज्यपाल संविधान की मर्यादा तोड़े तो बर्खास्त कर देना चाहिए। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति को मर्यादा में रहना चाहिए। इसके विपरीत अगर कोई भी राज्यपाल संविधान की मूल भावना के खिलाफ जाता है तो राष्ट्रपति को कार्रवाई करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री के पद छोडऩे की धमकी के सवाल पर कहा कि मोदी ऐसा नहीं कर सकते। वह प्रेसीडेंशियल जैसा सिस्टम चाहते हैं। संविधान को बदल देने पर तुले हैं। संघ से उनके वर्चस्व की लड़ाई में मतभेद हो गए हैं। धर्मांतरण को लेकर दिल नहीं देश तोडऩे का काम हो रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी को साध्वी निरंजन और योगी आदित्यनाथ जैसे लोगों के बयानों पर खामोशी तोडऩा चाहिए थी। प्रधानमंत्री खामोश हैं, इसलिए ऐसा करने वालों की हिम्मत अफजाई हो रही है। होना तो यह चाहिए था कि जो संविधान को नहीं मान रहे, उन्हें देशद्रोही घोषित कर देते और संघ पर पाबंदी लगा देना चाहिए थी। उस संघ पर जिसने देश में आतंकवाद की नींव डाली। उन्होंने कहा कि नाथूराम गोडसे देश का पहला आतंकवादी था। इससे उलट संघ बापू के हत्यारों को हीरो बनाने में लगा है। दरअसल आरएसएस ने तय कर लिया है, देश को बर्बाद कर देना है। उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा कि किसी भी बस्ती को जलाओगे तो आग दूसरी जगह भी लगेगी। ताली दोनों हाथ से बजती है, नुकसान सभी का होगा।
आजम के खिलाफ याचिका दायर
मंत्री आजम खां की राज्यपाल राम नाईक के खिलाफ टिप्पणी के मामले में कल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में एक जनहित याचिका रजिस्ट्री अनुभाग में दायर की गई है। याचिका पर 23 को सुनवाई हो सकती है। याची अधिवक्ता अशोक पांडेय ने बताया कि आजम खां ने राज्यपाल पद पर आसीन संवैधानिक व्यक्ति के खिलाफ गलत और अनुचित टिप्पणी की है। मंत्री पद पर रहते हुए ऐसे वचन या वक्तव्य देना संविधान के विपरीत है। इस याचिका में कहा गया कि मंत्री की टिप्पणी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की गरिमा पर आघात है। कोर्ट से मांग की गई है कि आजम खां को मंत्री पद से हटाया जाए। उल्लेखनीय है कि आजम खां ने पिछले दिनों राज्यपाल के मंदिर वाले बयान पर टिप्पणी की थी कि वह 'राज्यपाल कम अयोध्या के पुजारी ज्यादा लग रहे हैं।'