गरीबों के मसीहा थे ज्ञानी जैल सिंह
आजमगढ़ : पूर्व राष्ट्रपति स्व. ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि पर मंगलवार को नरौली स्थित विश्वकर्मा भवन में समारोह का आयोजन किया गया। लोगों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ कहा कि वे गरीबों के मसीहा थे।
पूर्व मंत्री रामआसरे विश्वकर्मा ने कहा कि ज्ञानी जैल सिंह केवल विश्वकर्मा समाज के नहीं बल्कि सभी वर्ग व धर्म के नेता थे। वे एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने के कारण समाज के गरीबों व पिछड़ों के बारे में भी सोचते थे। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में उन्हें जेल तक जाना पड़ा। वे समाजवादी आंदोलन के पक्षधर व हिंदी भाषा के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने प्रधानमंत्री को इस बात का एहसास कराया था कि राष्ट्रपति सिर्फ रबर स्टैंप नहीं होता। हम इनसे प्रेरणा लेकर देश व समाज को नई दिशा दे सकते हैं। इस मौके पर अछैवर नाथ विश्वकर्मा, ओमप्रकाश, सुनील, दिनेश, राजपति, दयाराम, वीरेंद्र, अमरनाथ, रामसिंगार, विनोद, हीरालाल आदि उपस्थित थे।
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