विधिक साक्षरता शिविर में दी कानूनी जानकारी
जागरण प्रतिनिधि, जोशीमठ: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जोशीमठ ब्लॉक सभागार में विधिक साक्षरता व जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मजदूरों के अधिकारों को लेकर व्यापक चर्चा की गई।
शिविर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार पांडेय ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन मजदूरों व शोषित वर्ग के लोगों के हितों को देखते 1987 में किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविरों में अधिक से अधिक लोगों को शामिल होकर अपने अधिकारों व कर्त्तव्यों की कानूनी जानकारी हासिल करनी चाहिए। सीजेएम ने कहा कि चमोली जिले में कई पावर प्रोजेक्ट निर्माणाधीन व प्रस्तावित हैं। इनमें हजारों मजदूर कार्य कर रहे हैं। ऐसे मजदूरों के लिए इस प्रकार के शिविर लाभकारी साबित होते हैं। अधिवक्ता अरुण लाल शाह ने कहा कि जल विद्युत परियोजनाओं में श्रम कानूनों का उल्लंघन हो रहा है। मजदूरों को अपने अधिकारों का ज्ञान नहीं है। जनदेश के सचिव लक्ष्मण नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा तय किए गए न्यूनतम मजदूरी कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। निजी विद्यालय हो या अन्य संस्थान सरकार से तय की गई प्रतिमाह न्यूनतम मजदूरी 4125 रुपये मजदूरों को दे रहे।
पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रकाश सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में विधिक जानकारी के अभाव में विवादों पर अन्य माध्यम से शिकायत करने की बात बार बार सामने आती है। इससे कार्यवाही करने में लंबा समय लगता है। अधिवक्ता ज्ञानेंद्र खंतवाल ने श्रम विभाग द्वारा मजदूरों के पंजीकरण की अनिवार्यता कानून के जमीनी स्तर पर पालन न कराए जाने की बात रखी। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी अनूप कुमार नौटियाल, खंड विकास अधिकारी प्रेम सिंह डंगवाल, श्रम अधिकारी यशपाल सिंह, बार संघ के अध्यक्ष अनिल शाह ने विचार व्यक्त किए। शिविर का संचालन अधिवक्ता प्रकाश भंडारी ने किया।
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