बुखार की चपेट में मासूम, एक की मौत
परिजनों ने किया जिला अस्पताल में हंगामा
कार्यालय संवाददाता, रामपुर : जिले में रहस्मय बुखार ने एक मासूम की जान ले ली, जबकि दूसरा जिला अस्पताल में भर्ती है। डाक्टर इसे मौसमी बुखार बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
भोट थाना क्षेत्र के ग्राम मनकरा निवासी ओम प्रकाश मेहनत मजदूरी कर परिवार पाल रहा है। उसके पांच साल के बेटे अंकित को तीन दिन पहले बुखार आया। इस पर ओम प्रकाश ने गांव में ही क्लीनिक चला रहे डाक्टर से दवा दिला दी, लेकिन बुखार ठीक होने के बजाय बच्चे की हालत और बिगड़ गई। उसे दौरे पड़ने लगे। रविवार को सुबह परिजन बच्चे को लेकर फिर गांव में डाक्टर के पास पहुंचे। डाक्टर ने बच्चे की हालत देखकर हाथ खड़े कर दिये। परिजन बिलासपुर सरकारी अस्पताल पहुंचे। वहां भी इलाज करने से मना कर दिया। तब परिजन शाम पांच बजे बच्चे को लेकर जिला अस्पताल आए। यहां आधे घंटे बाद ही बच्चे की मौत हो गई। इस पर परिजनों ने हंगामा किया।
परिजनों का आरोप है कि आधे घंटे तक बच्चे को देखने कोई चिकित्सक नहीं आया। बाद में परिजन बच्चे का शव लेकर वापस गांव लौट गए।
उधर, शाहबाद के मुहल्ला कानून गोयान निवासी जरीफ अहमद की तीन साल की बेटी यासमीन भी तीन दिन से रहस्मय बुखार की चपेट में है। उसे रविवार को परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। अभी उसकी हालत में सुधार नहीं है।
गौरतलब है कि मौसम में बदलाव के साथ ही देश भर में डेंगू और मलेरिया बुखार से आए दिन लोग मर रहे हैं। हाल ही में मुंबई में बालीवुड के निर्देशक यश चोपड़ा की डेंगू से मौत हुई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसके बाद भी नींद से नहीं जाग रहा। जिले में भी रहस्मय बुखार फैल गया है। इसकी चपेट में बच्चे ज्यादा आ रहे हैं। इसके बावजूद जिले में स्वास्थ्य विभाग की नींद नहीं टूट रही। मलेरिया आदि से बचाव के लिए छिड़काव नहीं किया जा रहा।
मनकरा गांव में बुखार से पीड़ित हैं कई बच्चे : मनकरा के प्रधान मोहम्मद हनीफ ने बताया कि गांव में कई बच्चे बुखार से पीड़ित हैं। इसके बावजूद गांव में दवा का छिड़काव नहीं किया गया। दवा छिड़काव के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास बजट आता है। दवा छिड़काव के लिए उन्होंने एएनएम से कहा भी था, लेकिन, एएनएम ने टाल दिया।
वायरल फीवर की चपेट में आ रहे बच्चे : जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर राजकुमार का कहना है कि जिले में डेंगू या मलेरिया का प्रकोप नहीं है। जो बच्चे जिला अस्पताल में आ रहे हैं, वे वायरल फीवर के हैं। बदलते मौसम में जीरो से पांच साल के बच्चे ज्यादातर वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं। अंकित को भी वायरल फीवर ही था। उसे समय पर सही उपचार नहीं दिया गया। दौरा पड़ने पर परिजनों ने उसे पानी पिला दिया, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए था।
शिशु सदन में फैला वायरल
रामपुर, कासं : राजकीय बाल गृह शिशु सदन में भी वायरल फैलने लगा है। बुखार होने पर रविवार को यहां के एक मासूम को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सीआरपीएफ कालोनी स्थित शिशु सदन में बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। साफ सफाई न होने से यहां आए दिन बच्चे बीमार हो रहे हैं। पिछले तीन माह में अब तक करीब दर्जन भर बच्चे डायरिया और कुपोषण के चलते जिला अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं। अब मौसम बदलने लगा है और वायरल का प्रकोप है। इसका असर भी शिशु सदन के बच्चों पर दिखने लगा है। रविवार को शिशु सदन का पांच साल का विकलांग उदय जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसे बुखार और दस्त हो रहे थे।
शिशु सदन के प्रभारी अधीक्षक सुबोध कुमार ने बताया कि बच्चे को रविवार को बुखार आया, जिस पर उसे तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। उसकी हालत अब ठीक है।
गौरतलब है कि तीन माह पहले दो साल की सलोनी की डायरिया से मौत हो चुकी है। सलोनी की मौत का मामला शासन तक पहुंचा था। स्थानीय स्तर पर भी मामले की मजिस्ट्रेटी जांच हुई थी। संसदीय कार्य एवं नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां ने भी मासूम की मौत पर दुख जताया था। महिला कल्याण मंत्री अरुण कुमार कोरी भी शिशु सदन आई थीं। सलोनी की मौत के बाद शिशु सदन के प्रभारी अधीक्षक डॉ. किंसुक त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया।
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