महासागर की तरह है हिंदी भाषा: बजाज
मैनपुरी: हिंदी भाषा एक महासागर की तरह है। जिसकी एक भी बूंद बेकार नहीं जाती। हिंदी कविता, कहानी, लेखन और संगीत में जो आकर्षण व खिचाव है वह किसी और में देखने और सुनने को नहीं मिलती।
उक्त विचार शब्दम संस्था न्यासी मण्डल और पर्यावरण मित्र की प्रेरणास्रोत किरन बजाज ने शुक्रवार को कुं. आरसी महिला महाविद्यालय के सभागार में हिंदी साहित्य संगीत कला को समर्पित शब्दम संस्था द्वारा आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये।
श्रीमती बजाज ने कहा कि हमें अंग्रेजियत की टांग पकड़ने की जरूरत नहीं है बल्कि हिंदी भाषा में समाहित शब्दों के चिंतन-मनन के द्वारा अपनी लेखनी को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। पालीवाल डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ओपी सिंह ने कहा कि हिंदी भाषा सबसे सरल और मीठी भाषा है, जिसका महत्व वर्तमान पीढ़ी को समझना होगा तभी हिंदी का सम्मान बरकरार रह सकता है।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में शब्दम संस्था के आयोजक मंजर उल वासै द्वारा छात्राओं से विभिन्न प्रश्न पूछे गये। रुचि यादव, स्वीटी, पूजा, नीलम, शालिनी पाल, अर्चना, सोनी पाण्डे, निधि शर्मा, तृप्ती शर्मा, शशी, रश्मि शाक्य, वंदना जायसवाल, पूजा यादव और आरती दीक्षित को प्रश्नों के बेहतर उत्तर देने के लिए पुरस्कृत किया गया।
इससे पूर्व में मुख्य अतिथि ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अध्यक्षता अनिल मिश्र एडवोकेट ने की।
इस अवसर पर डॉ. कंचन माहेश्वरी, डॉ. शैफाली यादव, डॉ. मधु गुप्ता, डॉ. इच्छा दरवारी, डॉ. ऊषा सारस्वत, डॉ. कुसुम यादव, डॉ. विजेता पाठक, डॉ. शिवानी जैन, डॉ. अलका पाठक, नेहा शाक्य, अर्चना दुबे, शशि सिंह राणा, प्रियंका शर्मा, नीतू जायसवाल, निशा शर्मा आदि मौजूद थे।
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