आदर्श है कृष्ण-सुदामा की मित्रता
जवां : गांव साथा में श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन समापन के अवसर पर व्यास ललिता शास्त्री यदु ने भगवान श्रीकृष्ण-सुदामा मैत्री चरित्र एवं भगवान श्रीकृष्ण के विवाहों का सजीव वर्णन किया। उन्होंने कहा कि आदिकाल से आज तक भगवान श्रीकृष्ण एवं सुदामा की मित्रता एक आदर्श बनी हुई है, जो ऊंच-नीच व राजा-रंक के भेद से ऊपर है। ये भगवान एवं भक्त के प्रेम का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। कथा में भगवान कृष्ण के विवाह के अंतर्गत उनकी आठ पटरानियों व सोलह हजार एक सौ आठ रानियों का सजीव वर्णन किया गया। कथा में परीक्षित की भूमिका नीलकंठ शर्मा एवं यज्ञ पुरुष की भूमिका संजय चौहान ने अदा की। आयोजन माता रुकमणि उर्फ राधा द्वारा मां भगवती के दरबार के तत्वावधान में कराया गया। कार्यक्रम में पूर्व प्रधान डॉ. वीरपाल का विशेष सहयोग रहा।
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