आसमान से गिरे खजूर पर अटके
मधुबन (मऊ) : बरसात शुरु होते ही जगह-जगह जलजमाव से तालाब बनी मधुबन बाजार की सड़कों में बने गड्ढों को भरने का काम पिछले तीन चार दिनों से चल रहा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा इन गड्ढों को पाटने का मकसद यात्रियों को होने वाली परेशानी से निजात दिलाना है लेकिन ऐसा लगता है कि विभाग की यह मंशा पूरी नहीं होने वाली। गड्ढों को पाटने से लोगों को राहत क्या मिलती कि उनकी परेशानी और बढ़ गई है। कारण इन गड्ढों को भरने के लिये ईट की टुकड़ी का प्रयोग किया जा रहा है और वह भी टुकड़ी को तरतीब से बिछाया नहीं जा रहा है बल्कि सच कहें तो गड्ढों में फेंका जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप इस मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों खास कर साइकिल व दो पहिया वाहन चालकों के लिए गड्ढे खतरनाक बनते जा रहे हैं। बेतरतीब ईट के टुकड़े और कई जगहों पर ईट के उभरे नुकीले भाग लोगों के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं। रोज ही यात्री असंतुलित होकर गिरकर चोटिल हो रहे हैं। मजे की बात यह है कि जब सड़क पर केवल गड्ढे थे उस वक्त जितने हादसे होते थे, गड्ढों के भर जाने के बाद उसमें एकाएक वृद्धि हो गई है। रोज ही दर्जनों लोग गिरकर घायल हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह तो वही बात हुई आसमान से गिरे और खजूर में अटके। यानी परेशानी से निजात दिलाने की कोशिश ने कई परेशानियों को और बढ़ा दिया।
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