एमएसडीपी को लेकर केंद्र पर दबाव बना रही ममता
कोलकाता, जागरण ब्यूरो : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के गैर-मुस्लिम दो जिलों जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग को बहुद्देशीय विभाग विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) में शामिल करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है, ताकि विकास की राशि में और बढ़ोतरी हो सके। उनके निर्देश पर वित्त मंत्री अमित मित्रा ने राज्य में अल्पसंख्यक प्रभावित जिलों के विकास के लिए 1 हजार करोड़ रुपए की मांग की है। गृह विभाग के सूत्रों के मुताबिक श्री मित्रा की इस संबंध में दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के साथ एक दौर की बैठक भी हुई है। सरकार ने अल्पसंख्यक प्रभावित जिलों में पांच पॉलीटेक्निक व डिग्री कालेज की स्थापना की योजना तैयार की है, जिसमें 175 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। श्री मित्रा ने पांच मेडिकल कालेजों की स्थापना के लिए 1500 करोड़ रुपये की मांग की है। मुस्लिम आबादी वाले मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में आर्सेनिक की समस्या से निपटने के लिए 800 करोड़ रुपये की मांग केंद्र से की गयी है। पश्चिम बंगाल में 12 जिले मुस्लिम बाहुल्य है, जिनमें मुर्शिदाबाद, मालदा, वीरभूम, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, नदिया, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, कूचबिहार, बर्द्धमान और कोलकाता शामिल हैं जिन्हें एमएसडीपी के तहत विशेष सुविधाएं मिलना तय है। मुख्यमंत्री ने गैर-मुस्लिम बाहुल्य दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी को भी एमएसडीपी के तहत शामिल करने की मांग की है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में एमएसडीपी के तहत 12 जिलों के लिए 750 करोड़ रुपया मंजूर किये गये थे। मुख्यमंत्री 12वीं पंचवर्षीय योजना में और दो जिलों को एमएसडीपी में शामिल कर अतिरिक्त फंड प्राप्त करने की संभावनाएं देख रही हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र ने पश्चिम बंगाल के विकास के लिए 800 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं लेकिन सुश्री बनर्जी इससे संतुष्ट नहीं हैं। वह विभिन्न योजनाओं के तहत 1 हजार करोड़ से अधिक की मांग पर डटी हैं।
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