परिक्रमा तक सिमटी सफाई कर्मियों की भूमिका
बस्ती: विकास क्षेत्र के सबसे बड़े बाजार कुसौरा की पहचान बजबजाती नालियों व कूड़ों के रूप में हो रही है। बाजार के सार्वजनिक स्थल गंदगी व कूड़ा के अंबार के रूप में नजर आ रहे हैं। सफाई स्थानीय अधिकारियों की गणेश परिक्रमा कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ले रहे हैं।
ग्रामीण अंचलों को साफ व स्वच्छ रखने के लिए सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई थी। लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते ग्रामीण अंचलों के कस्बों की पहचान गंदगी के ढेर से की जा रही है। सफाई कर्मी संबंधित अधिकारी के कार्यालय में जी हुजूरी कर पूरा कर रहे हैं। कुसौरा बाजार में तो इतनी गंदगी है कि आम जन यहां आने से कतरा रहे हैं। मंदिर से बाजार जाने वाली सड़क का सर्वाधिक बुरा हाल है। प्राथमिक विद्यालय,एएनएम सेंटर व कई निजी विद्यालय यहां चल रहे हैं। बच्चों व मरीजों का यहां अक्सर आना जाना लगा रहता है। मार्ग के निकट के घरों का गंदा पानी भी सड़क पर पसरा रह रहा है। जिसके चलते इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बाजार गांव की साफ सफाई करने के लिए तीन सफाई कर्मी तैनात है लेकिन मौज कर रहे हैं। बाजार के राम प्रकाश सोनी, सूर्य प्रकाश चौधरी, हनुमंत अग्रहरि, राकेश कुमार सहित लोगों ने प्रशासन से निरीक्षण कर सफाई कराने की मांग की है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि काबर का कहना है कि साफ सफाई को कौन कहे, सफाई कर्मियों का दर्शन दुर्लभ हो गया है। काम करते नहीं हैं लेकिन हाजिरी लगाने के लिए बाहर से फोन कराते हैं ब्लाक के अधिकारी भी इनका निरीक्षण नहीं करते हैं।
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