किरण बेदी के खिलाफ मामला दर्ज
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता:
एनजीओ के नाम पर फंड लेकर उसका दुरुपयोग करने के आरोप में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पूर्व वरिष्ठ आइपीएस व टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी के खिलाफ शनिवार को मुकदमा दर्ज कर लिया है। पटियाला हाउस कोर्ट के निर्देश पर इनके खिलाफ आइपीसी की धारा 406 (अमानत में खयानत), 420 (धोखाधड़ी) व 120-बी (आपराधिक
षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज कि या गया है। ये सभी धाराएं गैरजमानती हैं। किंतु अदालत के सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत आदेश पर मुकदमा दर्ज करने के कारण इस मामले में उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। शाखा ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
अपराध शाखा के अधिकारी के मुताबिक पटियाला हाउस कोर्ट के एसीएमएम के निर्देश पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर लिया। पटियाला हाउस कोर्ट के एसीएमएम अमित बंसल ने अधिवक्ता देवेंद्र सिंह चौहान की अर्जी पर सुनवाई करते हुए शनिवार को दिल्ली पुलिस को किरण बेदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए निर्देश जारी किया था। अर्जी में बेदी पर धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, अमानत में खयानत व बैंक खातों में हेरफेर का आरोप लगाया गया था। कोर्ट में साक्ष्य पेश करते हुए कहा गया था कि बेदी के गैरसरकारी संगठन इंडिया विजन फाउंडेशन को 'मेरी पुलिस' कार्यक्रम के लिए सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से 50 लाख रुपये दान में मिले थे। पैसों से एनजीओ को बीएसएफ, सीआरपीएफ, आइटीबीपी, सीआइएसएफ और अन्य राज्य पुलिस संगठनों के जवानों के बच्चों व परिवार के सदस्यों को मुफ्त कंप्यूटर शिक्षा मुहैया करानी थी। मेरी पुलिस कार्यक्रम के तहत मुफ्त कंप्यूटर शिक्षा देने के नाम पर जो सेंटर खोले गए थे। वहा से प्रति सेंटर 20-20 हजार रुपये लिये जाने लगे। यह पैसा सीधे बेदी के खाते में जाने लगा। अर्जी में कहा गया था कि एक ओर बेदी ने मुफ्त शिक्षा देने के नाम पर माइक्रोसॉफ्ट से फंड लिया और दूसरी तरफ कंप्यूटर सेंटर से भी पैसे ले लिये। जब सेंटर चलाने वाले पैसे दे रहे हैं तो वे बच्चों से फीस भी वसूलते होंगे। सेंटर खोलने की जिम्मेदारी एक अन्य संस्था को दी गई थी। जिससे छह हजार रुपये भी वसूल किए जाते रहे। बात फैलाई गई कि सेंटर की जगह व बिजली आदि का खर्चा किरण बेदी द्वारा किया जा रहा है। जबकि जगह व बिजली पुलिस व अर्धसैनिक बलों की तरफ से मुहैया कराई गई। यह भी आरोप लगाया गया कि बेदी ने अपनी संस्थाओं के बैनर तले काफी पैसे बाहर के देशों से लिये है। इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय से कराने की मांग की गई थी।
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