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जेएनयू के जंगल में लगी आग

By Edited By: Published: Thu, 27 Oct 2011 11:28 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2011 11:28 PM (IST)
जेएनयू के जंगल में लगी आग

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता :

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दीपावली के मौके पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर स्थित जंगलों में भीषण आग लगने से बड़ी संख्या में पेड़ जल गए। लगभग पांच सौ एकड़ में फैले विशाल जंगल में आग लगने से एक तरफ जहां बड़े क्षेत्र में धुएं का बादल छा गया, वहीं परिसर में अफरातफरी मच गई। फायर बिग्रेड व विवि के आंतरिक फायर फाइटरों की टीम के संयुक्त प्रयास से घंटों की मशक्कत से आग पर काबू पाया जा सका। आग के कारण का पता नहीं चल पाया है, हालांकि प्रथमदृष्ट्या इसका कारण पटाखों का जलना माना जा रहा है।

बताते चलें कि अरावली की पहाड़ियों पर स्थित जेएनयू का एक बड़ा हिस्सा जंगलों से आच्छादित है। इन जंगलों में मोर, बंदर, लंगूर, नीलगाय, विभिन्न प्रजातियों के सांप व पक्षी सहित तमाम वन्य जीव वास करते हैं। विवि के अधिकारियों के मुताबिक बृहस्पतिवार को सुबह लगभग साढ़े दस बजे एकेडमिक स्टाफ बिल्डिंग के समीप के बड़े क्षेत्र में फैले जंगलों में आग की सूचना मिली। सूखी घास व तेज हवा के कारण आग तेजी से एकेडमिक स्टाफ बिल्डिंग की ओर बढ़ने लगी। आग व इसके बिल्डिंग की ओर बढ़ने की सूचना पर परिसर में अफरातफरी मच गई। शुरू में विवि के फायर फाइटरों की टीम ने खुद ही आग बुझाने की कोशिश की। असफल रहने पर दमकल विभाग को सूचना दी गई। इसके बाद दोनों की संयुक्त टीम द्वारा घंटों की मशक्कत के बाद दोपहर बाद लगभग चार बजे आग पर काबू पाया जा सका। हालांकि तब तक जंगल के कम से कम डेढ़ सौ एकड़ के हिस्से के पेड़ व वनस्पतियां जलकर खाक हो गईं। उधर, जबरदस्त आग के कारण जेएनयू के बड़े हिस्से के उपर धुएं का बादल छा गया। जंगल के एक तरफ एकेडमिक स्टाफ बिल्डिंग है, तो दूसरी तरफ संस्कृत सेंटर व लॉ सेंटर हैं। तेज हवा व सूखी घास के कारण आग के इन बिल्डिंगों तक भी पहुंचने का खतरा मंडराने लगा था। जेएनयू के मुख्य सुरक्षा अधिकारी पीके सांगवान के मुताबिक दमकल विभाग की तीन गाड़ियां व विवि के फायर फाइटरों की टीम के संयुक्त प्रयास से आग बुझा ली गई। इसमें जानमाल की कोई क्षति नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि आग के कारणों की जांच की जा रही है।

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