गुरु कृपा के लिए समर्पण जरूरी : प्रमुख सागर
नोट - गुरू पूर्णिमा पैकेज- ------------------ -गुरु पुर्णिमा पर गुरु के जयकारों से गूंजा दिगंबर
नोट - गुरू पूर्णिमा पैकेज-
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-गुरु पुर्णिमा पर गुरु के जयकारों से गूंजा दिगंबर जैन मंदिर
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जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : मुनि श्री प्रमुख सागर ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का दिन समस्त जीवन को संवारने का दिन होता है आज जिसने गुरु की कृपा प्राप्त की उसका संपूर्ण जीवन सुंदर सुखी हो जाता है। वे शुक्रवार को सेक्टर 27 श्री दिगंबर जैन मंदिर में गुरुपूणिमा के मौके पर संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर हरियाणा सरकार की मंत्री कविता जैन ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। कार्यक्रम की शुरूआत मंगलाचरण के साथ हुई। कार्यक्रम में प्रमुख सागर ने कहा जिस मानव के जीवन में गुरू नहीं उसका जीवन शुरू नही। उन्होंने बताया कि गुरुपूर्णिमा के दिन ही श्री गौतम गंधर स्वामी ने भगवान महावीर स्वामी का शिष्यत्व स्वीकार किया था। गुरू पर अगर सच्ची श्रद्धा रखकर उनकी शिक्षा को जीवन में उतारे तो हमारा भला होने से कोई नही रोक सकता। गुरू की महत्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि मेरे गुरू आचार्य श्री पुष्पदंत जी महाराज का मुझ पर बड़ा उपकार है,आज वे अपने आत्म कल्याण के पथ पर अग्रसर होते हुए वे आनंदमयी जीवन जी रहे है।
मुनि श्री ने कहा कि गुरू से कुछ पाने की अभिलाषा नहीं करनी चाहिए बल्कि उनकी शिक्षाओं को अपनी जिंदगी में उतारने से कल्याण स्वमेव हो जाता है। जिसके अंदर परमात्मा के गुर व रूप की झलक मिले वही सद्गुरू है। यदि दिगंबर संत किसी को आशीर्वाद प्रदान कर दें उनकी जुबां पर जिसका नाम आ जाये उसका कल्याण निश्चित है। गुरु कृपा पाने के लिए समर्पण की भी आवश्यकता होती है। इससे कल्याण स्वमेव हो जाता है