रेल इंजन कारखाना के लिए 31 को फाइनल होगा टेंडर
मधेपुरा। लालू प्रसाद ने रेलमंत्री रहते हुए मधेपुरा में जिस ग्रीन फील्ड विद्युत रेल इंजन कारखाना की
मधेपुरा। लालू प्रसाद ने रेलमंत्री रहते हुए मधेपुरा में जिस ग्रीन फील्ड विद्युत रेल इंजन कारखाना की घोषणा की थी, उसे नरेंद्र मोदी की सरकार मूर्त रूप देना चाहती है। केंद्र ने मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट में इसे प्राथमिकता देकर बिहार का मॉडल प्रोजेक्ट बनाना चाहता है। माना जा रहा है कि परियोजना का शुभारंभ शीघ्र होगा।
क्या है परियोजना
वर्तमान में यह 1300 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है। यहां प्रतिवर्ष 12 हजार अश्वशक्ति का 800 विद्युत रेल इंजन का निर्माण होगा। इनमें से चार सौ देश की जरूरतें पूरी करेगा। शेष चार सौ इंजन विदेशों में बेची जाएगी। कारखाना से लेकर इंजन निर्माण का काम अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कम्पनियों में से कोई एक करेगी। तकनीकी निविदा में चार अन्तरराष्ट्रीय कम्पनियां सीमेन्स, बोमबार्डियर्स, जीई और आरस्ट्रांग चुनी गई हैं। 31 अगस्त को वित्तीय निविदा खुलना है। इसके बाद किसी कंपनी का अंतिम रूप से चयन होगा।
फ्लैशबैक
कारखाने के लिए भू अधिग्रहण की 965.42 एकड़ भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना 10 अप्रैल 2008 जारी हुई। इसके बाद 15 अक्टूबर 2008 को 142 एकड़ और अंतत: 29 दिसंबर 2010 20.08 एकड़ भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना प्रकाशित हुई। इसके विरुद्ध 69 आपत्तियां आई। इसका निस्तारण कर दिया गया। पहली अधिसूचना में से 180 एकड़ और दूसरी अधिसूचना में से 120 एकड़ जमीन का ही अधिग्रहण हुआ है।
किसानों की आपत्ति
अधिग्रहित भूमि को लेकर किसानों को बड़ी आपत्ति मुआवजे को लेकर है। किसान पुराने दर की बजाए भू अर्जन, पुनर्वासन और पुर्नव्यवस्थापन नीति के तहत मुआवजा चाह रहे हैं। मौजूदा बाजार मूल्य से चौगुना दिया जाए। उधर, जिला भू-अर्जन शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार भूमि का अधिग्रहण रेलवे भू-अर्जन अधिनियम 2008 के तहत हुआ है, इसीलिए उसी अधिनियम के तहत निर्धारित मुआवजा भी देय होगा।
प्रशासन पर अधिग्रहण का भार
रेलवे ने भूमि अधिग्रहण मुआवजा वितरण का कार्य जिला भू अर्जन कार्यालय को सौंपा है। अधिग्रहित तीन सौ एकड़ के भूस्वामियों को सूचना जारी कर कहा गया है कि अगर वो स्वेच्छा से जमीन खाली कर समर्पित करते हैं तो 60 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि अलग से देय होगी।
'भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है। किसान और रेलवे एक-दूसरे की शत्र्तो को नहीं मानेंगे तो नियमानुसार आरबिट्रेटर नियुक्त किया जाएगा और उसका फैसला मान्य होगा।'
अबरार अहमद कमर
जिलाधिकारी, मधेपुरा