कूड़ेदान होने के बाद भी बाहर फेंका जा रहा है कचरा
जागरण संवाददाता, सोनीपत : शहर में नगरपरिषद की लापरवाही के चलते सफाई अभियान सिरे नहीं चढ़ पा रहा है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : शहर में नगरपरिषद की लापरवाही के चलते सफाई अभियान सिरे नहीं चढ़ पा रहा है। नगरपरिषद ने कूड़ेदानों पर तो लाखों खर्च कर दिए लेकिन अपने सफाई कर्मचारियों को कूड़े के सही प्रबंधन के लिए अभी तक जागरूक नहीं कर पाई। अधिकारियों की उदासीनता व कर्मचारियों की लापरवाही से शहर में जगह-जगह कचरे के कारण बुरा हाल है। जागरूकता व काम के दबाव के कारण कर्मचारी कचरा डालने के लिए रखे गए डिब्बों के बाहर ही कचरा डालकर चलते बनते हैं।
उचित प्रबंधन के न होने से आ रही है परेशानी
शहर में कचरे के प्रबंधन को लेकर कोई ठोस योजना न होने से सफाई कर्मचारी भी कचड़े को जहां तहां फेंक कर चलते बनते हैं। जिसके बाद कचरे पर लावारिस पशु घूमते रहते हैं। जिसके चलते कचरा आसपास सड़कों व अन्य स्थानों पर भी फैल जाता है। वहीं अधिकारी कूड़ा निस्तारण केंद्र का भी इंतजाम करने में नाकाम साबित हुए हैं। जिसके चलते हालात और भी बदतर हो रहे हैं।
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सफाई कर्मचारियों का भी है टोटा
नगरपरिषद के पास सफाई कर्मचारियों का भी टोटा है। जिसके चलते शहर की सफाई व्यवस्था को बनाए रखने में कठिनाई आने की बात अधिकारी कह रहे हैं। नपा के पास 198 स्थाई जबकि 250 अस्थाई सफाई कर्मचारी हैं। यानि कुल 448 कर्मचारी शहर की लगभग तीन लाख की आबादी की सफाई व्यवस्था को संभाले हुए हैं। वहीं कई कालोनियों के वैध होने से भी उनका काम बढ़ गया है। जिसके चलते काम के दबाव में कर्मचारी जल्द बाजी में कचरा डाल कर चलते बनते हैं।
नपा के पास सफाई कर्मियों की कमी
कर्मचारियों की कमी है। पहले भी सरकार के पास इसकी मांग भेजी जा चुकी है। अब नई सरकार आई है जब भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी तो कर्मचारियों की कमी पूरी होगी। जिससे व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा सकेगा।
--रणबीर मोर, मुख्य सफाई प्रबंधक, नगरपरिषद।