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बड़े पर्दे में रंग भर रहा मेरठ का रंगमंच

मेरठ : मेरठ के रंगमंच के कलाकार आज मुंबई में बड़े पर्दे पर छाए हुए हैं। रंगमंच से रोजी-रोटी का जुगाड़

By Edited By: Published: Sat, 28 Mar 2015 02:41 AM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2015 02:41 AM (IST)
बड़े पर्दे में रंग भर रहा मेरठ का रंगमंच

मेरठ : मेरठ के रंगमंच के कलाकार आज मुंबई में बड़े पर्दे पर छाए हुए हैं। रंगमंच से रोजी-रोटी का जुगाड़ न होने की वजह से इन कलाकारों ने भले ही टीवी सीरियल और फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया, लेकिन वह मेरठ के लिए आज भी तैयार बैठे हैं।

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मेरठ के रंगमंच से निकले गिरीश थापर टीवी सीरियल से लेकर ¨हदी फिल्मों में कमाल और धमाल मचा रहे हैं। सनी लियोनी की बहुचर्चित फिल्म एक पहेली लीला में मुख्य विलेन के बड़े भाई के रूप में गिरीश आ रहे हैं। ऐसा प्रेम कहां, लापता गंज सहित कई सीरियल और फिल्मों में काम कर चुके गिरीश का कहना है कि रंगमंच उनकी आत्मा है, रोजी-रोटी कमाने के लिए भले ही वह मुंबई आ गए, लेकिन मेरठ के रंगमंच को भी समय देते हैं। गिरीश के अलावा मेरठ के रंगमंच ने ऐसे कई कलाकारों को पैदा किया, जो आज मुंबई में स्थापित हैं। फिल्मों की कई कहानी लिखने वाले बंटी राठौर जिन्होंने सनी लियोनी की आने वाली फिल्म लीला की कहानी भी लिखी है। इसके अलावा उतरन टीवी सीरियल के प्रोडक्शन से जुड़े पवन, बांबे टू गोवा नई फिल्म के म्युजिक डायरेक्टर मीत मुकेश, मुंबई स्टूडियों के मनोज सरगम आदि कई के मूल में मेरठ का रंगमंच ही है।

आमंत्रण पर भी नहीं आते लोग

वर्ष 1972 से मेरठ के रंगमंच में रंग भरने का प्रयास कर रहे दर्पण कला नाट्य संस्थान के विनोद बेचैन का मन रंगमंच को देखकर बेचैन है। दरख्त, दर्द ¨हदुस्तान का, जी भईया जी, सिकंदर, थैक्यू मिस्टर ग्लाइड आदि नाटक से लोगों की वाहवाही लूटी, लेकिन रंगमंच पर हुए इस कला की लोगों ने ही कद्र नहीं है। विनोद कहते हैं कि मेरठ में रंगमंच को एक स्टेज तक नसीब नहीं है। जब हम कोई नाटक किसी तरह से करते हैं, तो लोगों के घर- घर जाकर आमंत्रण पत्र देते हैं, फिर भी लोग स्टेज के शो को देखने नहीं पहुंचते।

नाटक का मंचन 25 अप्रैल को

विश्व रंगमंच दिवस पर यूनाइटेड प्रोग्रेसिव थियेटर एसोसिएशन की ओर से विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। कमला देवी सरस्वती शिशु मंदिर शास्त्रीनगर में आयोजित गोष्ठी में संस्था के अध्यक्ष भारत भूषण शर्मा ने कहा कि 25 अप्रैल को सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार करने वाला मादा कैक्टस नाटक का मंचन सीसीएसयू उर्दू विभाग में किया जाएगा। गोष्ठी के दौरान अनिरुद्ध गोयल, अनिल शर्मा, विनोद कुमार बेचैन, सुरेंद्र शर्मा, जितेंद्र सी राज, हेमंत गोयल, सीमा समर, सारिका गुप्ता, जूही त्यागी आदि रंगकर्मी उपस्थित रहे।


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