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अधिक आयकर देने में कारोबारी अक्षम

मेरठ : मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की आयकर आयुक्त के साथ शुक्रवार को शहर सर्राफा ब

By Edited By: Published: Sat, 28 Mar 2015 02:20 AM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2015 02:20 AM (IST)
अधिक आयकर देने में कारोबारी अक्षम

मेरठ : मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की आयकर आयुक्त के साथ शुक्रवार को शहर सर्राफा बाजार में बैठक हुई। इसमें टैक्स के मामले को लेकर वार्ता हुई। वार्ता में कारोबारियों को 20 प्रतिशत एडवांस टैक्स बढ़ाने के लिए कहा गया। वहीं दूसरी ओर ज्वैलर्स ने कारोबार में आई मंदी का हवाला देते हुए कहा कि वह टैक्स बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन मौजूदा समय में वह इस स्थिति में नहीं हैं कि बढ़ाकर टैक्स दें पाएं।

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पहली बार आयकर आयुक्त तरुण कुमार सर्राफा कारोबारियों के बीच में पहुंचे। इससे पहले वह कारोबारियों के साथ आयकर विभाग कार्यालय में बैठक कर चुके थे। शुक्रवार को व्यापारियों के साथ वार्ता के दौरान उन्होंने उनसे टैक्स जमा करने में सहयोग करने को कहा। उन्होंने सर्राफा कारोबारियों को अपने कारोबार के हिसाब से टैक्स बढ़ाकर जमा कराने के लिए कहा। इस पर बुलियन के अध्यक्ष रवि प्रकाश अग्रवाल, महामंत्री सर्वेश सर्राफ आदि ने सर्राफा कारोबारियों की व्यथा की ओर आयकर आयुक्त का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान न होने से उनका काम रुका पड़ा है, शहर के ला एंड आर्डर की वजह से बाहरी व्यापारी मेरठ नहीं आ रहे है, जिसकी वजह से कारोबार की हालत पतली है। फिर भी उन्होंने अपनी ओर से विभाग का पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया।

बैठक में एक अप्रैल से एक लाख रुपये से अधिक की ज्वैलरी खरीदने पर पैन कार्ड की अनिवार्यता को लेकर भी चर्चा हुई। सर्राफा कारोबारियों ने इसे अपने व्यापार के प्रतिकूल बताया। इस पर आयकर आयुक्त तरुण कुमार ने कहा कि अभी इस मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है कि यह कब से लागू होगा। स्पष्ट सर्कूलर आने के बाद ही वह बता सकेंगे कि यह कब से लागू होगा। बैठक में राजेंद्र जैन, वेद प्रकाश, सुनील जैन, राजकुमार भारद्वाज, विपिन अग्रवाल, नवीन जैन, अखिल जैन, संजीव अग्रवाल, विजय आनंद अग्रवाल, मनोज कुमार आदि अन्य कारोबारी मौजूद रहे।

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सर्वे को सफल बताया

गुरुवार को बेगमपुल रोड स्थित कल्याण जी साड़ीज के तीन शो रूम में आयकर विभाग ने सर्वे किया था। देर रात तक चले सर्वे के बाद विभाग ने सभी दस्तावेजों का अध्ययन किया। सर्वे के बाद विभाग ने शोरूम पर कितना टैक्स जमा करने का निर्धारण किया है, उसकी जानकारी देने के बजाय विभागीय अधिकारियों ने बताया कि उनका सर्वे सफल रहा है। जो भी असेसमेंट बना है, उसे जमा करा देंगे।


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